#NewsBytesExplainer: क्या होता है खलनायक और एंटी-हीरो में अंतर? जानिए कौन था बॉलीवुड का पहला एंटी-हीरो
क्या है खबर?
एक जमाना था, जब बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों में एक हीरो होता था, जिसकी जिंदगी में मुश्किलें खड़ी करने के लिए कहानी में खलनायक होता था।
हालांकि, आज के दौर में खलनायक के साथ ही फिल्मों में 'एंटी-हीरो' बहुत सुनाई पड़ रहा है।
दर्शक फिल्मों में खलनायक और एंटी-हीरो को समान मानने की गलती कर बैठते हैं। हालांकि, दोनों में बहुत बड़ा अंतर होता है।
अब सवाल यह उठता है कि यह अंतर क्या है?
चलिए विस्तार से जानते हैं।
खलनायक
क्या होता है खलनायक?
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, एक्शन हो या रोमांटिक, किसी भी कहानी में तब तक मजा नहीं आता, जब तक हीरो के सामने टक्कर देने के लिए एक ताकतवर खलनायक ना खड़ा हो।
खलनायक फिल्म की कहानी का एक बुरा आदमी है, जो अक्सर हीरो को बर्बाद करने का हर संभव प्रयास करता है।
इसे समझने के लिए फिल्म पिछले साल रिलीज हुई 'एनिमल' में बॉबी देओल का किरदार याद कीजिए, जो रणबीर कपूर की जान का दुश्मन बन बैठा था।
बॉलीवुड
खलनायक के कारण खड़ा होता है हीरो
खलनायक की क्ररूता, दुष्टता, चालाकी और धोखेबाजी से फिल्म में हीरो को खड़ा किया जाता है। बिना खलनायक के हीरो की भूमिका उभरकर सामने नहीं आ सकती।
बॉलीवुड में ऐसे कई कलाकार रहे हैं, जिन्होंने खलनायक के रूप में अपनी पहचान बनाई।
गुलशन ग्रोवर, अमरीष पुरी, शक्ति कपूर, कुलभूषण खरबंदा, कादर खान, प्रेम चोपड़ा, अमजद खान, अजीत, प्राण और डैनी उन कलाकारों में शुमार हैं, जिन्होंने खलनायक के रूप में अपने आपको स्थापित किया।
एंटी-हीरो
क्या होता है एंटी-हीरो?
फिल्मों में एंटी-हीरो वो किरदार होता है, जो असल में हीरो होता है, लेकिन उसके साथ हुए बुरे कर्मों के कारण वह बदला लेने में लिए खलनायक का मुखौटा पहन लेता है।
सीधे शब्दों में एंटी हीरो भावनात्मक रूप से टूटा हुआ नायक होता है, जो खलनायक के तौर-तरीकों को अपनाकर न्याय के लिए लड़ता है।
एंटी-हीरो आमतौर पर सही काम गलत तरीके से करता है।
इसे समझने के लिए अक्षय कुमार की फिल्म 'गब्बर' एक बढ़िया उदाहरण है।
अंतर
क्या होता है खलनायक और एंटी-हीरो में अंतर?
एंटी-हीरो और खलनायक के बीच मुख्य अंतर यह है कि एंटी-हीरो कहानी का मुख्य किरदार होता है, जिसमें हीरो की अच्छाई नहीं होती, जबकि खलनायक एक बुरा किरदार होता है, जो कहानी के नायक का विरोध करता है।
एंटी-हीरो के इरादे अच्छे हो सकते हैं, लेकिन खलनायक के इरादे कभी अच्छे नहीं होते हैं।
खलनायक अपने बुरे इरादों को पूरा करने के लिए कुछ भी करने से हिचकिचाते नहीं हैं, जबकि एंटी-हीरो न्याय पाने के लिए लड़ते हैं।
समानताएं
समानताएं भी जान लीजिए
खलनायक और एंटी-हीरो में केवल अंतर ही नहीं होता, बल्कि इनमें कुछ समानताएं भी देखने को मिलती हैं।
पहली समानता पर गौर फरमाएं तो किसी भी फिल्म या कहानी में एंटी-हीरो और खलनायक के किरदार डार्क या ग्रे होते हैं।
उधर दूसरी समानता ये होती है कि दोनों ही अपने-अपने मकसद को पूरा करने के लिए समाज के नियमों के विरुद्ध काम करते हैं। वे अपने नियम बनाते हैं और उन्हीं का पालन करते हैं।
पहला एंटी-हीरो
बॉलीवुड का पहला एंटी-हीरो कौन था?
अपने 100 साल से भी ज्यादा के इतिहास में हिंदी सिनेमा ने बहुत सी फिल्में दी हैं, लेकिन अशोक कुमार अभिनीत 1943 में आई 'किस्मत' को बॉलीवुड की पहली एंटी-हीरो फिल्म कहा जाता है।
मतलब साफ है बॉलीवुड फिल्मों में एंटी-हीरो का चलन अशोक ने चलाया था।
इस फिल्म का निर्देशन ज्ञान मुखर्जी ने किया था और इसमें मुमताज शांति, महमूद जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे।
इस फिल्म की कहानी एक पॉकेटमार के इर्द-गिर्द बुनी गई है।
उदाहरण
शाहरुख खान भी बन चुके एंटी-हीरो
बॉलीवुड फिल्मों में मुख्य किरदार निभाने वाले कई बड़े-बड़े अभिनेता फिल्मों में एंटी-हीरो की भूमिका निभा चुके हैं।
इनमें शाहरुख खान से लेकर शाहिद कपूर तक का नाम शामिल है। शाहरुख ने 'डर', 'डॉन' और 'जवान' जैसी फिल्मों में एंटी-हीरो की भूमिका निभाई है।
शाहिद फिल्म 'हैदर' और 'कबीर सिंह' में एंटी-हीरो बने नजर आए। इसके साथ ही अमिताभ बच्चन, यश, अल्लू अर्जुन, प्रियंका चोपड़ा और इरफान खान जैसे दिग्गज सितारे भी इस सूची में शामिल हैं।