#NewsBytesExplainer: ईरान और इजरायल के बीच तनाव का भारत पर क्या असर हो सकता है?
क्या है खबर?
मध्य-पूर्व के 2 बड़े देशों इजरायल और ईरान में तनाव बढ़ता जा रहा है। सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायल के हमले में 7 सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला किया था।
जवाब में इजरायल ने भी मिसाइल और ड्रोन दागे हैं। इस तनाव का असर समूची वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने की आशंका है।
आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच तनाव का भारत पर क्या असर हो सकता है।
इजरायल
भारत और इजरायल के बीच कितना होता है व्यापार?
भारत और इजरायल के बीच 1992 राजनयिक संबंध हैं। 1992 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 16,000 करोड़ रुपये का था। तब मुख्य तौर पर हीरे का व्यापार होता था।
वित्त वर्ष 2022-23 में ये आंकड़ा बढ़कर 89,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इन आंकड़ों में हथियार शामिल नहीं हैं। इस दौरान भारत का निर्यात 70,000 करोड़ रुपये का था, जबकि इजरायल से आयात 19,000 करोड़ रुपये का रहा।
व्यापार
बीते 4 सालों में दोगुना हुआ व्यापार
इजरायल और भारत के बीच बीते 4 सालों में व्यापार लगभग दोगुना हो गया है।
2018-19 में दोनों देशों के बीच 46,000 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जो अब 89,000 करोड़ रुपये का हो गया। 2021-22 और 2022-23 के बीच व्यापार में 36.90 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के शुरुआती 10 महीनों में में भारत और इजरायल के बीच 47,000 करोड़ रुपये का व्यापार हो चुका है।
सामान
भारत-इजरायल के बीच किन चीजों का व्यापार होता है?
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत के कुल व्यापार का 0.92 प्रतिशत हिस्सा इजरायल से हुआ था। तब इजरायल भारत का 32वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
भारत एशिया में इजरायल का दूसरा और वैश्विक स्तर पर 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत मुख्य रूप से इजरायल को कीमती हीरे, विमानों का ईंधन, बासमती चावल, टी-शर्ट और गेहूं का निर्यात करता है।
वहीं, इजरायल से अंतरिक्ष उपकरण, हीरे, पोटेशियम क्लोराइड, मशीनरी और टर्बोजेट इंजन का आयात करता है।
ईरान
भारत और ईरान के बीच कितना व्यापार?
पिछले कुछ सालों में भारत और ईरान के बीच का व्यापार कम हुआ है। 2018-19 में दोनों देशों के बीच 14 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जो 2019-20 में घटकर 39,000 करोड़ रुपये और 2020-21 में 17,000 करोड़ रुपये का रह गया। हालांकि, 2022-23 में थोड़ी वृद्धि के साथ ये आंकड़ा 19,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इस दौरान भारत ने ईरान को 13,000 करोड़ का सामान निर्यात किया, जबकि ईरान से 5,500 करोड़ रुपये का सामान खरीदा।
ईरान से सामान
भारत और ईरान के बीच किन चीजों का व्यापार होता है?
भारत ईरान को मुख्य रूप से कृषि वस्तुओं और डेयरी उत्पादों का निर्यात करता है। इनमें मांस, दूध, छाछ, घी, प्याज, लहसुन और सब्जियां शामिल हैं।
दूसरी ओर, भारत ईरान से मिथाइल अल्कोहल, पेट्रोलियम बिटुमेन, द्रवीकृत ब्यूटेन, सेब, प्रोपेन, खजूर और बादाम खरीदता है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत के कुल व्यापार का 0.20 प्रतिशत ईरान के साथ हुआ था।
अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार कम हुआ है।
असर
तनाव का भारत पर क्या असर पड़ सकता है?
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, मध्य पूर्व में चल रहे तनाव के चलते भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना नहीं है।
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "संघर्ष से कच्चे तेल और गैस उत्पादन में बाधा आने की संभावना नहीं है, क्योंकि अमेरिका, रूस जैसे प्रमुख उत्पादक संघर्ष क्षेत्र में नहीं हैं और सऊदी अरब भी सीधे शामिल नहीं है।"