इजरायल को और सैन्य मदद भेजेगा अमेरिका, नेत्जाह येहुदा बटालियन पर लगा सकता है प्रतिबंध
अमेरिका की ओर से इजरायल के लिए एक राहतभरी तो एक बुरी खबर है। अमेरिकी संसद ने इजरायल के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की नई सैन्य सहायता को मंजूरी दे दी है। आलोचनाओं के बावजूद इसे अमेरिका का बड़ा कदम माना जा रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका इजरायल की एक सैन्य बटालियन पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। ये प्रतिबंध बटालियन द्वारा फिलिस्तीनी लोगों पर किए गए मानवाधिकार उल्लंघन के बाद लगाए जा सकते है।
इजरायल को मदद देने के विरोध में 58 सांसद
अमेरिकी संसद ने 20 अप्रैल की देर शाम यूक्रेन के लिए 5 लाख करोड़, इजरायल के लिए 2 लाख करोड़ और ताइवान के लिए 66,000 करोड़ रुपये के वित्तीय और सैन्य पैकेज को मंजूरी दी है। इजरायल को सहायता देने वाला पैकेज सदन में 366-58 से पारित हुआ। इसके विपक्ष में 37 डेमोक्रेट और 21 रिपब्लिकन सांसदों ने वोट किया। 58 सांसदों का विरोध दर्शाता है कि इजरायल को वित्तीय मदद को लेकर अमेरिकी सांसदों का रुख बदल रहा है।
जेलेंस्की ने अमेरिकी संसद को दिया धन्यवाद
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने मदद को लेकर अमेरिका को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "अमेरिकी सांसदों ने रूस द्वारा आक्रमण के बाद उनके देश का समर्थन करके इतिहास को सही रास्ते पर रखने का कदम उठाया है। सदन द्वारा पारित किया गया महत्वपूर्ण सहायता विधेयक युद्ध फैलने से रोकेगा, हजारों लोगों की जान बचाएगा और दोनों देशों को मजबूत बनने में मदद करेगा।" दूसरी ओर, रूस ने इस कदम को 'आतंकवादी गतिविधियों का प्रत्यक्ष प्रायोजन' करार दिया।
नेत्जाह येहुदा बटालियन पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका
अमेरिकी वेबसाइट एक्सियोस के मुताबिक, अमेरिका फिलिस्तीनियों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए इजरायली सेना की नेत्जाह येहुदा बटालियन पर प्रतिबंध लगा सकता है। इसके तहत बटालियन को अमेरिकी हथियारों के हस्तांतरण पर रोक लगाई जा सकती है और सैनिकों को अमेरिकी सेना के साथ प्रशिक्षण या अमेरिकी फंडिंग के साथ किसी भी गतिविधि में भाग लेने से रोका जा सकता है। ये पहली बार है, जब अमेरिका इजरायल के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करने जा रहा है।
बेहद विवादित रही है नेत्जाह येहुदा बटालियन
नेत्जाह येहुदा इजरायली सेना की अति-रूढ़िवादी पैदल सेना है। इसके सैनिकों को महिला सैनिकों के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं होती है और उन्हें धार्मिक अध्ययन और प्रार्थना के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है। 2022 में 78 वर्षीय फिलिस्तीनी-अमेरिकी उमर असद को बटालियन ने हाथ-पैर बांधकर कड़ाके की सर्दी में मरने के लिए छोड़ दिया था। इस बटालियन के कई सैनिक फिलिस्तीन के लोगों पर अत्याचार के मामले में दोषी ठहराए गए हैं।
प्रतिबंध की खबरों पर भड़के नेतन्याहू
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "इजरायली रक्षा बलों पर प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिए! हाल के हफ्तों में मैं इजरायली नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ काम कर रहा हूं, जिसमें वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी अधिकारियों के साथ मेरी बातचीत भी शामिल है। ऐसे समय में जब हमारे सैनिक आतंक के राक्षसों से लड़ रहे हैं, प्रतिबंध लगाने का इरादा बेतुकापन और नैतिक पतन की पराकाष्ठा है। हमारी सरकार इन कदमों के खिलाफ हर तरह से कार्रवाई करेगी।"