G-20 में AU की एंट्री, ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा; ये हैं सम्मेलन की 5 सफलताएं
भारत की अध्यक्षता में हुए 2-दिवसीय G-20 शिखर सम्मेलन का समापन हो गया है। इसे अब तक का सबसे सफल सम्मेलन माना जा रहा है। भारत ने कई जटिल मुद्दों पर न सिर्फ सभी देशों की आम सहमति बनाई, बल्कि केंद्रीय रास्ता अपनाते हुए किसी भी पक्ष को नाराज नहीं होने दिया। अब जब सम्मेलन खत्म हो गया है तो आइये जानते हैं कि इस दौरान किन-किन अहम मुद्दों और समझौतों पर सहमति बनी।
'दिल्ली घोषणा पत्र' पर सभी देशों को साथ लाया भारत
सम्मेलन के संयुक्त घोषणा पत्र में कई मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच विवाद चल रहा था। यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और चीन की ओर से कई आपत्ति आ रही थी। आशंका जताई जा रही थी कि सम्मेलन को बिना किसी घोषणा पत्र जारी किए बिना खत्म किया जा सकता है। हालांकि, भारत ने न सिर्फ सभी देशों को सहमत किया, बल्कि पहले ही दिन घोषणा पत्र जारी कर सभी को चौंका दिया।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान
पहले दिन ही भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) की घोषणा की गई। इसमें भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं। ये रेल और बंदरगाहों का एक नेटवर्क होगा, जिससे भारत को मध्य पूर्व और अंतत: यूरोप तक कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके तहत रेल और समुद्र मार्गों को जोड़ा जाएगा। ये न सिर्फ भारत के लिए व्यापार बढ़ाएगा, बल्कि चीन की वन बेल्ट वन रोड (OBOR) परियोजना को भी टक्कर देगा।
ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा
सम्मेलन के पहले दिन के पहले सत्र में भारत की पहल पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा की गई। इसका उद्देश्य परिवहन सहित सभी क्षेत्रों में जैव ईंधन के सहयोग को सुविधाजनक बनाना और जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ाना है। भारत के अलावा अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना और इटली समेत कुल 11 देश इसमें शामिल हैं। बता दें कि पेड़-पौधे, अनाज, भूसी और खाद्य अपशिष्ट से निकलने वाले ज्वलनशील तरल या गैस को बायोफ्यूल या जैव ईंधन कहा जाता है।
G-20 का सदस्य बना अफ्रीकन यूनियन
पहले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए अफ्रीकन यूनियन (AU) को G-20 का स्थायी सदस्य बनाने का ऐलान किया। AU अफ्रीका का एक महाद्वीपीय निकाय है, जिसमें 55 सदस्य देश शामिल हैं। इसे भी चीन के लिहाज से रणनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि चीन की नजरें ग्लोबल साउथ पर रही हैं और वो इस क्षेत्र में खुद की पैठ बढ़ाने की कोशिशें करता रहा है।
112 मुद्दों पर बनी सहमति
घोषणा पत्र में कुल 112 मुद्दों पर सहमति बनी है। इसे अब तक का सबसे विस्तृत और व्यापक घोषणा पत्र बताया जा रहा है। इसमें मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, सतत विकास लक्ष्य (SDG) पर प्रगति में तेजी, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं और बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने जैसे बिंदू शामिल हैं। G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने इसे 'ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक' बताया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
G-20 विश्व की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है। इसकी शुरुआत 1999 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद हुई थी। 2008 से इसमें राष्ट्राध्यक्षों ने भाग लेना शुरू कर दिया। इस साल भारत G-20 समूह की पहली बार अध्यक्षता कर रहा है। इस संबंध में देशभर में सदस्य देशों के अलग-अलग मंत्रियों की बैठकें आयोजित की गई थीं। भारत से पहले समूह की अध्यक्षता इंडोनिशिया के पास थी और अब ब्राजील इसका अगला अध्यक्ष बनेगा।