क्या श्रीनगर में आयोजित हो रही G-20 समूह की बैठक बदलाव की तरफ इशारा करती है?
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को शुरू हुई G-20 समूह के टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक का आज दूसरा दिन है। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में आयोजित हो रही है। यह बैठक अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में होने वाला पहला बड़ा कार्यक्रम है। आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार ने इस बैठक के लिए श्रीनगर को क्यों चुना है और इसके क्या मायने हैं।
केंद्र सरकार कश्मीर की स्थिति को लेकर देना चाहती है संदेश
केंद्र सरकार ने इस साल सितंबर में दिल्ली में आयोजित होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन से पहले 100 से अधिक बैठकें करने का फैसला लिया था। श्रीनगर भारत के प्रमुख पर्यटक गंतव्यों में से एक रहा है और इस लिहाज से टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक के लिए इसका चयन खास अहमियत रखता है। इस बैठक के जरिए केंद्र सरकार यह दिखाना चाहती है कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य और शांति है।
जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से आगे बढ़ चुका है- जितेंद्र सिंह
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले के हालातों में श्रीनगर में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होने पर हड़ताल हो जाती थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर अब आगे बढ़ गया है और यहां का आम नागरिक भी आगे बढ़ रहा है। कश्मीरियों की दो पीढ़ियों ने घाटी में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को देखा है, पर अब वह आतंकवाद के सामने झुकने के इच्छुक नहीं हैं।"
विदेशी प्रतिनिधियों का पारंपरिक तरीके से किया गया स्वागत
श्रीनगर एयरपोर्ट पर सोमवार को 29 देशों के 61 प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया गया। यह सभी प्रतिनिधि दिल्ली से एक चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए श्रीनगर पहुंचे थे। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और G-20 शेरपा अमिताभ कांत विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए श्रीनगर एयरपोर्ट पर मौजूद थे। कश्मीर के लोक कलाकारों ने भी पारंपरिक तरीके से लोकगीत और नृत्य प्रदर्शन के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया।
स्थानीय लोगों को भी बैठक से है काफी उम्मीदें
स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि G-20 समूह की बैठक के बाद घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जो जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कालीन के व्यवसायी शेख आशिक ने ANI से बात करते हुए कहा, "कश्मीर में पहली बार इस तरह की अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित होना पूरे देश के लिए विशेष है। यह कश्मीर के लिए गर्व का क्षण है। इसका न केवल कश्मीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, बल्कि पर्यटन और उससे जुड़े क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा।"
कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही है बैठक
श्रीनगर में G-20 की बैठक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हो रही है। भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो (MARCOS) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (NSG) को श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में तैनात किया गया है और पूरे इलाके में ड्रोन रोधी इकाईयों को सक्रिय किया गया है। सुरक्षाबल के जवान संवेदनशील इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं। इसके अलावा चप्पे-चप्पे पर सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सशस्त्र बलों के अलावा पुलिस जवान भी तैनात हैं।
बैठक से किन देशों ने बनाई है दूरी?
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने बैठक के लिए श्रीनगर के चयन को लेकर सवाल खड़े किए हैं। चीन भी जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र के तौर पर परिभाषित करते हुए बैठक में शामिल नहीं हुआ है। विशेष तौर पर आमंत्रित किए गए मिस्र ने बैठक में शामिल नहीं होकर सभी को चौंका दिया है। हालांकि, कश्मीर को लेकर कई मौकों पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले सऊदी अरब और तुर्की ने बैठक के लिए अपने प्रतिनिधियों को भेजा है।