G-20 समिट में शामिल होंगे 40 देश, ये इतिहास की सबसे बड़ी भागीदारी- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह देशवासियों को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए संबोधित किया। यह मन की बात का 104वां एपिसोड है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत चंद्रयान-3 की सफलता के साथ की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान की सफलता इतनी बड़ी है कि इसकी जितनी चर्चा की जाए वह कम है। उन्होंने G-20 पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि इसने भारत को समावेशी बनाया है।
G-20 के लिए भारत तैयार- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा, "सितंबर का महीना भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। अगले महीने होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत तैयार है। अध्यक्षता के दौरान भारत ने G-20 को और ज्यादा समावेशी बनाया है। हमारी G-20 की अध्यक्षता लोगों की अध्यक्षता है, जिसमें जनभावना की भावना सबसे आगे है। इसमें हिस्सा लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आ रहे हैं। G-20 शिखर सम्मेलन के इतिहास में यह सबसे बड़ी भागीदारी होगी।"
प्रधानमंत्री बोले- G-20 प्रतिनिधि हमारा जीवंत लोकतंत्र देख प्रभावित हुए
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 60 शहरों में G-20 से जुड़ी करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा, "G-20 डेलीगेट्स जहां भी गए, लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। G-20 देशों का प्रतिनिधिमंडल हमारे देश की विविधता और जीवंत लोकतंत्र देखकर बहुत प्रभावित हुआ। उन्हें ये एहसास हुआ कि भारत में कितनी सारी संभावनाएं हैं। इसे लेकर देशभर में जो आयोजन हुए हैं, उनमें डेढ़ करोड़ लोग जुड़े हैं।"
यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत के प्रदर्शन पर भी बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने चीन में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स पर भी बात की। उन्होंने कहा, "इन खेलों में इस बार भारत का प्रदर्शन अब तक का सबसे अच्छा रहा। हमारे खिलाड़ियों ने कुल 26 पदक जीते, जिनमें से 11 स्वर्ण पदक थे। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 1959 से लेकर अब तक जितने यूनिवर्सिटी गेम्स हुए हैं, उनमें जीते सभी मेडल्स को जोड़ दें तो भी ये संख्या 18 तक ही पहुंचती है।"
चंद्रयान की सफलता पर क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता पर एक कविता सुनाई। उन्होंने कहा कि चंद्रयान ने यह साबित कर दिया है कि संकल्प के सूरज चांद पर भी उगते हैं। उन्होंने कहा, "चंद्रयान, नारी शक्ति का भी जीवंत उदाहरण है | इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक सीधे तौर पर जुड़ी रहीं। भारत की बेटियां अब अनंत अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। आज हमारे सपने भी बड़े हैं और प्रयास भी बड़े हैं।"
'मन की बात' से जुड़े आंकड़े
IIM रोहतक और प्रसार भारती द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, 23 करोड़ लोग इस कार्यक्रम को नियमित सुनते हैं। वहीं, 100 करोड़ लोग कम से कम एक बार कार्यक्रम सुन चुके हैं। 17.6 प्रतिशत लोग रेडियो, 37.6 प्रतिशत लोग मोबाइल और 44.7 प्रतिशत लोग टीवी पर इसे सुनते हैं। कार्यक्रम का 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारण होता है। हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे कार्यक्रम शुरू होता है।