प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन पहुंचे, शांति संदेश समेत एजेंडे में क्या-क्या है?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की अपने 2 दिवसीय दौरे के बाद अब युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंच गए हैं। वे ट्रेन से 10 घंटे का सफर कर यूक्रेन पहुंचे।
यहां वे भारतीय समुदाय से मुलाकात करेंगे और यूक्रेन के लिए भारत का शांति संदेश पहुंचाएंगे।
बता दें कि 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है।
मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच 2 साल में ये तीसरी मुलाकात होगी।
दौरा
कैसा होगा प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरा?
प्रधानमंत्री यूक्रेन की राजधानी कीव में करीब 7 घंटे रहेंगे। इस दौरान वे राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री छात्रों और भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलेंगे। वे रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री युद्ध के बाद भारतीय छात्रों को निकालने में मदद के लिए यूक्रेनी सरकार का आभार भी व्यक्त कर सकते हैं।
ट्विटर पोस्ट
कीव पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi reaches Kyiv from Poland to begin his one-day visit to Ukraine.
— ANI (@ANI) August 23, 2024
This is the first visit by an Indian Prime Minister to Ukraine since its independence from the Soviet Union in 1991.
(Visuals from Kyiv) pic.twitter.com/wmy6zdBv5Q
वजह
यूक्रेन दौरे की वजह क्या है?
दरअसल, इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दौरा किया था। दौरे की टाइमिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की तस्वीरों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा था।
तब यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने मोदी की रूस यात्रा की आलोचना की थी। ऐसे में अब प्रधानमंत्री यूक्रेन पहुंचकर कीव के साथ पश्चिमी देशों को साधना चाहते हैं।
बता दें कि भारत ने अभी तक यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की निंदा नहीं की है।
खास
क्यों खास है दौरा?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आजादी के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति में यूरोप को कम प्राथमिकता दी है। भारत ने सिर्फ यूरोप के 4 बड़े देशों- रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ ही रिश्तों पर ज्यादा जोर दिया है।
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता संभालने के बाद इस विदेश नीति में बदलाव हुआ है। मोदी के यूक्रेन और पोलैंड दौरे को यूरोप के साथ रिश्ते मजबूत करने के तरीकों से जोड़कर देखा जा रहा है।
काम
यूक्रेन में क्या करेंगे प्रधानमंत्री?
DW से बात करते हुए अशोका यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अमित जुल्का ने कहा, "भारत खुद को शांतिदूत के रूप में पेश करने का प्रयास करेगा। ये भी दिखाएगा कि वह मानवीय सहायता में लगा हुआ है। अमेरिका से नजदीकी के बावजूद भारत को लेकर वाशिंगटन के मन में संदेह है। प्रधानमंत्री की यात्रा इस संदेह को दूर करने का काम करेगी।"
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत शांति समझौते की बातचीत का समर्थन करने के लिए तैयार है।
ट्रेन
बेहद खास ट्रेन से यूक्रेन पहुंचे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री रेल फोर्स वन ट्रेन से यूक्रेन पहुंचे हैं। इस ट्रेन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। ट्रेन की आंतरिक साज-सज्जा किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है।
दरअसल, युद्ध के चलते यूक्रेन में एयरस्पेस बंद है। ऐसे में कीव तक केवल ट्रेन से ही पहुंचा जा सकता है।
रेल फोर्स वन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों समेत कई नेता यात्रा कर चुके हैं।