
भारत ने NATO की धमकी का दिया जवाब, निमिषा प्रिया मामले पर भी दी जानकारी
क्या है खबर?
भारत ने NATO प्रमुख द्वारा रूस के साथ व्यापार को लेकर द्वितीयक टैरिफ लगाए जाने की धमकी का जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है और हम इस संबंध में बाजार में मौजूद सभी विकल्पों में से फैसला लेते हैं। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने यमन में भारतीय नर्स को फांसी और अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन जैसे कई मुद्दों पर अहम जानकारी दी।
NATO
NATO की धमकी पर क्या बोला विदेश मंत्रालय?
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने इस विषय पर रिपोर्ट देखी हैं। मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। मैं फिर से कहना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस मामले में हम किसी भी दोहरे मापदंड के प्रति विशेष रूप से आगाह करेंगे।" दरअसल, NATO प्रमुख ने कहा था कि अगर भारत रूस के साथ व्यापार करना जारी रखता है, तो उस पर 100 प्रतिशत द्वितीयक टैरिफ लगाया जा सकता है।
यमन
निमिषा प्रिया मामले में क्या कर रही है सरकार?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यमन में फंसी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मदद के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रवक्ता ने कहा, "हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के संपर्क में भी हैं। पिछले कुछ दिनों में इस मामले में समाधान तक पहुंचने के लिए और समय देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हम मामले पर बारीकी से नजर रखते रहेंगे। इस मामले में हम कुछ मित्र देशों के संपर्क में भी हैं।"
अमेरिका
अमेरिका से 1,563 भारतीय निर्वासित किए गए
विदेश मंत्रालय ने बताया कि 20 जनवरी से 15 जुलाई तक 1,563 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है। मंत्रालय ने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच प्रवासन के मुद्दों पर उन भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर घनिष्ठ सहयोग है, जो या तो वहां अवैध स्थिति में हैं या जो अवैध रूप से यात्रा करते हैं। हम उनके बारे में विवरण प्राप्त होने पर उन्हें वापस ले लेते हैं।"
व्यापार वार्ता
भारत-अमेरिका की व्यापार वार्ता कहां पहुंची?
विदेश मंत्रालय ने भारत-अमेरिका की व्यापार वार्ता पर भी जानकारी दी। जायसवाल ने कहा कि इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। वहीं, अमेरिका में एक गंभीर मामले में कथित तौर पर गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक के बारे में भी मंत्रालय ने जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा, "ये कानून से जुड़ा मामला है। हम विदेश जाने वाले हर नागरिक से कहना चाहते हैं कि उन्हें स्थानीय कानूनों, दिशानिर्देशों और नियमों का पालन करना चाहिए।"