प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह, क्या बदलेगा राज्य का नेतृत्व?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह फिलहाल दिल्ली में हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की है। खबर है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। मणिपुर में मई, 2023 को भड़की जातीय हिंसा के बाद प्रधानमंत्री से सिंह की ये पहली मुलाकात होगी। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री बदलने के संकेत नहीं- रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ सिंह की लगातार बैठकों से यह संकेत मिलता है कि पार्टी नेतृत्व के पास मणिपुर में सिंह की जगह किसी नए चेहरे को लाने की तत्काल कोई योजना नहीं है। मणिपुर भाजपा में व्याप्त अनिश्चितता और विपक्ष द्वारा लगातार सिंह की इस्तीफे की मांग के बावजूद पार्टी आलाकमान के पास राज्य की कमान सिंह को सौंपे जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
पार्टी के पास चेहरों की कमी- रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस ने भाजपा सूत्रों के हवाले से लिखा कि मणिपुर सरकार में बदलाव की संभावना नहीं है। एक सूत्र ने कहा, "सिंह के विकल्प के रूप में ज्यादातर नेता ऐसे हैं, जिन्होंने खुद सिंह का इस्तीफा मांगा है और उनकी जगह लेना चाहते हैं। ऐसे नेता अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं और उन्हें तटस्थ नेता के रूप में नहीं देखा जाएगा। किसी ऐसे नेता को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता, जो मैतेई या कुकी का पक्ष लेता दिखाई दे।"
क्या राज्य में लगेगा राष्ट्रपति शासन?
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना भी विकल्प नहीं माना जा रहा है, क्योंकि इससे पूरे देश में गलत संदेश जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेतृत्व सिंह के संभावित राजनीतिक कदमों को लेकर भी चिंतित है। अगर उन्हें पद से हटा दिया जाता है तो विधायकों का एक गुट विद्रोह कर सकता है। इसके अलावा, सिंह मणिपुर में सबसे प्रमुख मैतेई नेता हैं, जिनके परिवार के अभी भी कांग्रेस से बहुत मजबूत संबंध हैं।
राज्य में शांति लाना ही मिशन- भाजपा नेता
एक भाजपा नेता ने कहा, "मणिपुर में अब शांति लाना ही एकमात्र मिशन है। हमें बस इतना करना है कि दोनों पक्षों को बातचीत के लिए एक मंच पर लाना है। यह किसी नए राज्य या लोगों को बाहर निकालने के बारे में नहीं होना चाहिए, यह सह-अस्तित्व के बारे में होना चाहिए और मुख्यमंत्री को यह करना होगा। प्रधानमंत्री ने नेताओं को स्पष्ट बताया है कि वह कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं चाहते हैं, बल्कि समयबद्ध शांति एजेंडा चाहते हैं।"
मणिपुर में 14 महीने से हिंसा जारी
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई, 2023 को हुई थी। इसकी तात्कालिक वजह मणिपुर हाई कोर्ट का एक फैसला था, जिसमें उसने राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने पर विचार करने को कहा था। इसके विरोध में कुकी समुदाय ने मार्च निकाला और हिंसा भड़क उठी। हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।