कोलकाता मामले में CBI की जांच कहां तक पहुंची, कोर्ट में क्या कहा?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस को एक बार फिर फटकार लगाई। वहीं, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी स्टेटस रिपोर्ट पेश की और जांच के बारे में कोर्ट को दूसरी जानकारियां दीं। आइए जानते हैं CBI की जांच अब तक कहां तक पहुंच गई है।
घटनास्थल से छेड़छाड़ की गई- CBI
CBI ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा, "पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में है। पीड़िता के परिजनों को घटना की सूचना काफी देरी से पहुंचाई गई। परिवार को पहले पीडि़ता के बीमार होने और बाद में आत्महत्या की खबर दी गई।" CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा, "CBI ने 5वें दिन से जांच शुरू की, तब तक सब कुछ बदल चुका था।"
घटना में एक ही आरोपी शामिल- रिपोर्ट
इंडिया टुडे के मुताबिक, CBI को अब तक इस मामले में जो सबूत मिले हैं, उनसे गैंग रेप की पुष्टि नहीं हो रही है। दरअसल, पहले कहा जा रहा था कि ये गैंगरेप का मामला भी हो सकता है। अब फॉरेंसिक रिपोर्ट और CCTV फुटेज के सिर्फ एक आरोपी संजय रॉय के शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी CBI ने अध्ययन किया है। हालांकि, अभी इस थ्योरी पर जांच जारी है।
संदीप घोष की भूमिका पर संदेह
मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर CBI को संदेह है। उनसे लगातार 7 दिन में करीब 77 घंटे की पूछताछ हो चुकी है। CBI का कहना है कि सभी प्रोटोकॉल जानने के बावजूद घोष घटनास्थल की सुरक्षा करने में विफल रहे और कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं की। घटनास्थल के पास ही हुआ मरम्मत के काम को लेकर भी संदेह है। कहा जा रहा है कि सबूत मिटाने के लिए ये काम किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी घोष की भूमिका पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने भी घोष की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "क्या कारण है कि FIR लगभग 14 घंटे बाद दर्ज की गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कॉलेज के प्रिंसिपल को सीधे कॉलेज आना चाहिए था और FIR दर्ज करने का निर्देश देना चाहिए था। जिस क्षण वे इस्तीफा देते हैं, उन्हें दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया जाता है।"
क्या है मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। घटना सामने आने के बाद पूरे देश में विरोध शुरू हो गया और डॉक्टर अपनी सेवाएं ठप कर हड़ताल पर चले गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी है। अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।