#NewsBytesExplainer: क्या है नीति आयोग और यह योजना आयोग से कितना अलग है?
दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई। इसमें कई केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत आला अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के रोडमैप पर चर्चा हुई। हालांकि, बैठक का कई राज्यों ने बहिष्कार किया और नीति आयोग पर सवाल भी उठाए। आइए जानते हैं आखिरी नीति आयोग क्या, यह कैसे काम करता है और योजना आयोग से कितना अगल है।
क्या है नीति आयोग?
नीति आयोग सरकार के थिंक टैंक के रूप में काम करता है। इसका पूरा नाम नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) है। यह साल 2015 में अस्तित्व में आया था। यह सरकार के लिए दीर्घकालीन नीतियां और कार्यक्रम तैयार करता है और केंद्र के साथ ही राज्यों को तकनीकी सलाह भी देता है। राज्यों के संबंध में नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, विकास को बढ़ाना और समावेशी विकास सुनिश्चित करना है।
आयोग में कौन-कौन होता है?
नीति आयोग के अध्यक्ष देश के प्रधानमंत्री होते हैं। इसमें एक उपाध्यक्ष, पूर्णकालिक सदस्य, पदेन सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य होते हैं। फिलहाल इसके उपाध्यक्ष सुमन बेरी हैं। पूर्णकालिक सदस्यों में डॉक्टर वीके सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र, डॉक्टर वीके पॉल और अरविंद वीरमानी शामिल हैं। पदेन सदस्यों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं। इसके अलावा कुछ विशेष आमंत्रित सदस्य भी हैं।
कब और क्यों बनाया गया नीति आयोग?
दरअसल, पहले देश में योजना आयोग था, जिसे 1950 में बनाया गया था। इसका मुख्य काम पंचवर्षीय योजनाएं बनाने का था। 2014 तक लगातार योजना आयोग काम करता रहा। 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद एक प्रस्ताव के जरिए नीति आयोग का गठन किया गया। सरकार ने कहा कि बदलते समय को ध्यान में रखते हुए योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग बनाने का निर्णय लिया गया है।
क्या होती है नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल?
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। नीति आयोग मुख्य तौर पर अपनी गवर्निंग काउंसिल के जरिए ही राज्यों के साथ बैठक करता है। इसमें राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों पर चर्चा होती है। गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 और आखिरी बैठक 27 मई, 2023 को हुई थी। आमतौर पर हर 6 महीने में गवर्निंग काउंसिल की बैठक होती है।
योजना आयोग से कैसे अलग है नीति आयोग?
नीति आयोग को एक नीतिगत थिंक टैंक के रूप में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार को सिर्फ परामर्श देना है और यह सरकार की किसी योजना को क्रियान्वित करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। इसके उलट, योजना आयोग के पास राज्यों पर नीतियों को लागू कराना और धन के आवंटन करने का भी अधिकार था। यानी योजना आयोग मंत्रालयों और राज्य सरकारों को निधि आवंटित कर सकता था, लेकिन नीति आयोग ऐसा नहीं कर सकता।
नीति आयोग की क्यों होती है आलोचना?
आमतौर पर विपक्षी राज्य नीति आयोग की भेदभाव के आधार पर आलोचना करते हैं। राज्यों का कहना है कि योजना आयोग के पास वित्त आवंटन करने का अधिकार था, लेकिन नीति आयोग के संदर्भ में ये काम वित्त मंत्रालय करता है। ऐसे में विपक्षी राज्य इसे भेदभावकारी बताते हैं। पिछली बैठक में भी 9 विपक्षी राज्यों ने हिस्सा नहीं लिया था। इस बार बहिष्कार करने वाले राज्य बजट में भेदभाव के भी आरोप लगा रहे हैं।