केवल विदेशों से नहीं आ रहा, भारत में पहले से हो सकता है ओमिक्रॉन- CCMB प्रमुख
कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकारें ऐहतियाती कदम उठा रही हैं। केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर विदेशों से आने वाली यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग के निर्देश दिए हैं। साथ ही संक्रमित पाए जाने वाले यात्रियों को क्वारंटीन करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि, कई जानकारों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट केवल बाहर से आने वाले यात्रियों से नहीं आ रहा है और यह पहले से ही यहां मौजूद हो सकता है।
सभी बड़े शहरों में मौजूद हो सकता है ओमिक्रॉन- मिश्रा
न्यूज18 को दिए इंटरव्यू में हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (CCMB) के प्रमुख डॉ राकेश मिश्रा ने कहा कि भारत में बिना ट्रैवल हिस्ट्री वाले व्यक्ति में ओमिक्रॉन वेरिएंट की पुष्टि होना दिखाता है कि यह पहले से यहां है और सभी बड़े शहरों में मौजूद हो सकता है। उनका इशारा बेंगलुरू में बिना ट्रैवल हिस्ट्री के कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाए गए एक डॉक्टर की तरफ था।
"कड़ी मॉनिटरिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत"
डॉ मिश्रा ने कहा कि इसका मतलब है कि सारे मामले हवाई अड्डों से नहीं आ रहे हैं। यह वेरिएंट यहां है और देश के सभी बड़े शहरों में यह वेरिएंट मौजूद हो सकता है। उन्होंने आगे कहा, "इस वजह से कड़ी मॉनिटरिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत है। हमें यह भी मानना चाहिए कि देश में इस वेरिएंट की मौजूदगी के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या नहीं बढ़ी है।"
ओमिक्रॉन को बताया खतरे की घंटी
डॉ मिश्रा ने कहा कि चिंताजनक वेरिएंट का वापस आना सभी लोगों के लिए खतरे की घंटी है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और बार-बार हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि आक्रामक वैक्सीनेशन अभियान के कारण भारत बेहतर स्थिति में हैं। देश की 80 फीसदी व्यस्क आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है और बड़ी संख्या में लोगों में संक्रमण के कारण प्राकृतिक इम्युनिटी है। इसलिए भारत ओमिक्रॉन से मजबूती से लड़ सकता है।
महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन जरूरी- मिश्रा
डॉ मिश्रा ने वैक्सीन की तुलना हेलमेट से करते हुए बताया कि जैसे हेलमेट दुर्घटना को नहीं रोकते, वैसे ही वैक्सीन कोरोना संक्रमण को नहीं रोक सकती, लेकिन दोनों ही अस्पताल में भर्ती होने और मरने से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन न लेने के लिए कोई तर्क नहीं हो सकता है। अगर कोई वैक्सीन नहीं लगवा रहा है तो वह व्यक्ति कोरोना वायरस की मदद कर रहा है।
बिना ट्रैवल हिस्ट्री संक्रमित पाया गया था डॉक्टर
गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि कर्नाटक में दो लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। इनमें से एक विदेशी नागरिक था, जो 27 नवंबर को संयुक्त अरब अमीरात चला गया। वहीं दूसरा संक्रमित व्यक्ति बेंगलुरू का 46 वर्षीय डॉक्टर है, जिसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। ट्रेसिंग के दौरान इसके संपर्क में आए पांच लोगों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। फिलहाल डॉक्टर की सेहत ठीक बनी हुई है।
खतरनाक क्यों माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं।विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इससे दोबारा संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है।WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है, जिसके बाद सभी सरकारों ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।