भारत पहुंचा कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट, कर्नाटक में दो लोगों के हुई संक्रमण की पुष्टि
दुनियाभर को चिंता में डालने वाला कोरोना वायरस का 32 म्यूटेंट वाला ओमिक्रोन वेरिएंट भारत पहुंच गया है। गुरुवार को कर्नाटक में दो लोगों में इस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस खुद इसकी पुष्टि की है। संक्रमित मिले दोनों लोगों में से एक की उम्र 66 और दूसरे की 46 साल है। भारत में ओमिक्रॉन के मामलों की पुष्टि होने के साथ ही सरकार और विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है।
दोनों संक्रमितों में नजर आ रहे हैं मामूली लक्षण- अग्रवाल
NDTV के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो मामलों की पुष्टि हुई है। उनके संपर्क में आए लोगों की भी सूची तैयार कर ली गई है और अब उन्हें क्वारंटाइन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंनें कहा कि इन दोनों में मामूली लक्षण नजर आ रहे है। दुनिया में इस वेरिएंट के अब तक जिनते भी मामले आए हैं, उसमें गंभीर लक्षण नजर नहीं आए हैं।
29 देशों में सामने आए ओमिक्रॉन वेरिएंट के 373 मामले
संयुक्त सचिव अग्रवाल ने कहा कि दोनों ही मामलों की पहचान जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए हुई है। 26 नवंबर से अब तक 883 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा चुकी है। इसी तरह पूरे नवंबर में 6,400 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है। उन्होंने बताया कि संक्रमित मिले दोनों लोगों के सभी प्रकार के संपर्कों का पता लगा लिया गया है। अब तक दुनिया भर के 29 देशों में इस वेरिएंट के 373 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है।
एक संक्रमित को लगा चुकी है वैक्सीन की दोनों खुराकें
संयुक्त सचिव अग्रवाल ने बताया कि 66 वर्षीय संक्रमित गत दिनों दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करके आया था, जबकि दूसरा चिकित्साकर्मी है और उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। दो में एक संक्रमित को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकें भी लग चुकी है।
यूनिवर्सल वैक्सीन के रूप में काम करता है मास्क- डॉ पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना महामारी की पिछली लहर में जिन टूल्स का इस्तेमाल किया था, वही अब करना होगा। अस्पतालों की सुविधाओं पर ध्यान दिया गया है। ओमिक्रॉन वेरिएंट एक नई चुनौती है। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों का पकड़ में आने का मतलब है कि सिस्टम काम कर रहा है। मास्क यूनिवर्सल वैक्सीन की तरह है। ऐसे में इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। यह तमाम वेरिएंट से आपका बचाव करता है।
लोगों को बरतनी होगी सजगता- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा कि महामारी से बचाव का सबसे बड़ा तरीका वैक्सीन है। ऐसे में सभी लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवानी चाहिए। इसी तरह लोगों को हवादार माहौल में रहने की आदत भी डालनी होगी। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिम्मेदारी दिखाते हुए सजग रहना होगा। लोगों की सजगता से ही इस नई चुनौती का सामना किया जा सकता है। यह बड़ी नाजुक स्थिति है।
भारत से UAE जा चुका है ओमिक्रॉन से संक्रमित मिला विदेशी नागरिक
भारत में ओमिक्रॉन से संक्रमित मिले दो लोगों में से 66 वर्षीय विदेशी नागरिक 27 नवंबर को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा चुका है। रिकॉर्ड के अनुसार, वह व्यक्ति 20 नवंबर को भारत आया था और 27 नवंबर को दुबई रवाना हो गया। यह मरीज 20 नवंबर को निगेटिव रिपोर्ट के साथ दक्षिण अफ्रीका से आया था और KIA बेंगलुरु में उसका टेस्ट हुआ था। इसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह वैक्सीन की दोनोंं खुराक भी ले चुका है।
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत 29 देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है और इस ऐलान के बाद कई देश यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं।
कितना घातक है वेरिएंट?
WHO के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अधिक संक्रामक है या नहीं। इसी तरह इसकी अन्य वेरिएंटों की तुलना में घातकता का भी कोई अंदाजा नहीं है। संगठन ने कहा है कि शुरूआती आंकड़ों में दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की बात सामने आई है, लेकिन ये संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि के कारण भी हो सकता है। ऐसे में देशों को ऐहतियाती कदम उठाने चाहिए।