दिल्ली से बेंगलुरु जा रही इंडिगो की फ्लाइट में महिला ने बच्चे को दिया जन्म
आपने अस्पताल, एंबुलेंस, घर और बीच रास्ते में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होने के कई मामले सुने होंगे, लेकिन बुधवार को एक गर्भवती महिला ने दिल्ली से बेंगलुरू की यात्रा के दौरान हजारों फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट में बच्चे को जन्म दिया है। खैरियत की बात यह रही कि फ्लाइट में उस समय एक महिला चिकित्सक भी यात्रा कर रही थी। ऐसे में चालक दल के सदस्यों ने डॉक्टर के साथ मिलकर महिला की सफल डिलिवरी करा दी।
महिला के बीच रास्ते में शुरू हुई प्रसव पीड़ा
डेक्क्न हेराल्ड के अनुसार बुधवार शाम करीब 05:10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट से इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E 122 ने बेंगलुरू के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के करीब 45 मिनट बाद महिला के प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर चालक दल के सदस्यों ने तत्काल महिला को संभाला और एक मिनी अस्पताल तैयार कर दिया। उस दौरान एक महिला चिकित्सक ने भी उनकी मदद की और करीब 06:10 बचे महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।
महिला के प्रसव पीड़ा शुरू होती है यात्रियों में बढ़ गया था तनाव
हजारों फीट की ऊंचाई पर महिला के प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद फ्लाइट में सवार सभी यात्री तनाव में आ गए, लेकिन जैसे बच्चे का जन्म हुआ तो सभी ने तालियां बजाकर खुशी जताई और चालक दल सहित महिला चिकित्सक का आभार जताया। फ्लाइट के एक पायलट ने बताया कि चालक दल को गुरुग्राम में इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए तीन महीने का प्रशिक्षण दिया गया था। इसकी बदौलत चालक दल को सफलता मिली है।
जच्चा-बच्चा को बेंगलुरू एयरपोर्ट के अस्पताल में कराया भर्ती
फ्लाइट के शाम 07:40 पर बेंगलुरू पहुंचने के बाद जच्चा-बच्चा को एहतियात के तौर पर एयरपोर्ट पर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जांच में दोनों स्वस्थ पाए गए। एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने चालक दल और महिला चिकित्सक का जोरदार स्वागत किया।
सोशल मीडिया पर उठ रहे बच्चे को मुफ्त यात्रा का तोहफा देने के सवाल
सोशल मीडिया पर इंडिगो द्वारा बच्चे को जीवनभर मुफ्त यात्रा का तोहफा देने के संबंध में सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल, अब तक जिन बच्चों का फ्लाइट में जन्म हुआ है तो एयरलाइन कंपनियों ने उन्हें जीवन भर मुफ्त यात्रा का तोहफा दिया था। ऐसे में इस मामले में भी यह उम्मीद की जा रही है। हालांकि, इंडिगो प्रशासन की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन यह मामला जमकर ट्रेंड कर रहा है।
गर्भवती महिला के यात्रा करने को लेकर की जाएगी जांच
कोरोना महामारी के दौर में 36 सप्ताह के गर्भकाल का समय पूरा करने वाली गर्भवती महिलाओं को यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में महिला द्वारा यात्रा के लिए उपलब्ध कराई गई जानकारी की जांच की जा सकती है। हालांकि, एयरलाइन अधिकारियों यह भी कहना है कि संभवत: महिला ने 36 सप्ताह का समय पूरा नहीं किया था और यह समय से पहले प्रसव होने का मामला नजर आ रहा है। महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।