ओमिक्रॉन: विदेशी यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी, नियमित उड़ानों के फैसले की होगी समीक्षा
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेशी यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत यूरोप, ब्रिटेन और अधिक जोखिम वाले 11 देशों से आने वाले यात्रियों के लिए पहुंचने पर कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है। अगर इन देशों से आये यात्रियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव भी आती है, तब भी उन्हें सात दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा और आठवें दिन दोबारा टेस्ट करवाना होगा।
नियमित उड़ानें शुरू करने के फैसले की होगी समीक्षा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि अधिक जोखिम वाले देशों के अलावा बाकी देशों से आने वाले विमानों में सवार कुल यात्रियों में से 5 प्रतिशत की रैंडम टेस्टिंग की जाए। यह टेस्टिंग हवाई अड्डे पर ही होगी। इसके अलावा सरकार ने नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के फैसले की समीक्षा का भी निर्णय लिया है। बता दें कि उड्डयन मंत्रालय ने 15 दिसंबर से ये उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया था।
गाइडलाइंस में और क्या कहा गया है?
अधिक जोखिम का सामना कर रहे देशों से आने वाले यात्रियों को पहुंचने पर अपना सैंपल देना होगा और इसकी रिपोर्ट आने से पहले वो दूसरी फ्लाइट में नहीं बैठ पाएंगे। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें सात दिन होम क्वारंटीन होना होगा और खुद स्वास्थ्य पर नजर रखनी होगी। अगर किसी यात्री की रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो उसके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा और उसे इलाज के लिए आइसोलेट किया जाएगा।
अधिक जोखिम वाले देशों की सूची में ये देश
संक्रमित यात्री के संपर्क में आने वाले लोगों को भी इंस्टीट्यूशनल या होम क्वारंटीन में रखा जाएगा और राज्य सरकारें प्रोटोकॉल के तहत उनके स्वास्थ्य के निगरानी करेंगी। जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन और यूरोप के सभी देशों के अलावा दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बावे, सिंगापुर, इजरायल और हांगकांग को अधिक जोखिम वाले देशों की सूची में रखा गया है। इन देशों से आने वाले यात्रियों पर नई गाइडलाइंस लागू होंगी।
ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर क्या नई जानकारी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को बताया कि ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमण का खतरा ज्यादा है, लेकिन अभी तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर इसे अधिक संक्रामक बताया जा सके। RT-PCR टेस्ट से इस वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है।
राज्यों को हॉटस्पॉट्स की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश
इससे पहले रविवार को केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से टेस्टिंग बढ़ाने और हॉटस्पॉट इलाकों की कड़ी निगरानी रखने सहित अन्य आवश्यक दिशानिर्देश दिए थे। राज्यों को भेजे पत्र में लिखा गया था, 'यह जरूरी है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पर प्रभावी ढंग से काबू पाने के लिए गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाना और कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जाना चाहिए।' राज्यों से विदेशी यात्रियों को ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाने को भी कहा गया था।
ओमिक्रॉन वेरिएंट को खतरनाक क्यों माना जा रहा?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंटों की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इस वेरिएंट के अब तक 100 से अधिक मामले आ चुके हैं। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और कई देश इस ऐलान के बाद यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं।