कानपुर: ओमिक्रॉन वेरिएंट के 'डर' से पत्नी और बच्चों की हत्या, आरोपी फरार
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण दुनियाभर में कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन इसके डर से तीन लोगों की जिंदगी खत्म कर दी गई। यह मामला कानपुर का है, जहां एक वरिष्ठ फॉरेंसिक प्रोफेसर ने कथित तौर पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के डर के कारण अपनी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपी का डिप्रेशन का इलाज चल रहा था और वह घटना के बाद से फरार है।
क्या है घटना?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले डॉ सुशील कुमार ने शुक्रवार शाम को अपनी पत्नी के सिर पर भारी चीज से वार किया और फिर बेटे और बेटी का गला घोंट दिया। घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने अपने भाई को मैसेज किया कि वो पुलिस को जानकारी दे दे कि उन्होंने डिप्रेशन में हत्या कर दी गई है। जब तक पुलिस और अन्य लोग घटनास्थल पर पहुंचते, आरोपी फरार हो चुका था।
आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और सबूत जुटाए। पुलिस ने तीनों लाशों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं आरोपी की तलाश की जा रही है।
घटनास्थल से मिले नोट में लिखी गई थी ये बातें
मौके पर पहुंची पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो एक नोट मिला है, जिसमें कई बातें लिखी हुई थी। नोट में लिखा है, 'अब और कोविड नहीं, ये कोविड ओमिक्रॉन अब सभी को मार डालेगा। अब और लाशें नहीं गिननी हैं। अपनी लापरवाही के चलते करियर के उस मुकाम पर फंस गया हूं। जहां से निकलना असंभव हैं। मेरा कोई भविष्य नहीं है। मैं अपने होश-ओ-हवास में अपने परिवार को खत्म करके खुद को खत्म कर रहा हूं।'
फॉरेंसिक विभाग का विभागाध्यक्ष था आरोपी
भास्कर के अनुसार, हत्यारोपी डॉ सुशील कुमार रामा मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष थे। कॉलेज के प्राचार्य डीएन त्रिपाठी ने बताया कि वो दो दिन पहले डॉ सुरेश से मिले थे और बातचीत के दौरान ऐसा नहीं लगा कि वो मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। उनका व्यवहार बहुत अच्छा था और कभी किसी से मनमुटाव नहीं हआ। उनके अंदर क्या चल रहा था, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
ओमिक्रॉन वेरिएंट क्या है?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इससे दोबारा संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है, जिसके बाद सभी सरकारों ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
भारत में सामने आए दो मामले
ओमिक्रॉन वेरिएंट भारत तक अपने पैर पसार चुका है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि कर्नाटक में दो लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है।दो संक्रमितों में एक 66 वर्षीय विदेशी यात्री था, जो 27 नवंबर को भारत से संयुक्त अरब अमीरात जा चुका है। वहीं दूसरा संक्रमित एक डॉक्टर है और उसके संपर्क में आए पांच लोगों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।