देश के पूर्वोत्तर राज्यों में क्यों धीमी है वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में सरकार ने नवंबर के अंत तक पूरी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के प्रदर्शन को देखकर इसके हासिल करना मुश्किल नजर आ रहा है।
पूर्वोत्तर राज्यों के 27 जिलों में 50 प्रतिशत लोगों को भी वैक्सीन नहीं लगी है।
इसी बीच वहां के मुख्यमंत्रियों का कहना है कि पलायन, पहाड़ी इलाके और हिचकिचाहट के कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है।
हालत
देश के 49 जिलों में 50 प्रतिशत से कम लोगों को लगी है वैक्सीन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्तमान में मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और झारखंड सहित अन्य राज्यों के कुल 49 जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम लोगों को वैक्सीन लगी है। इनमें से 27 जिले पूर्वोत्तर राज्यों के ही हैं।
इस स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही संबंधित जिलों के जिला अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार में इजाफा हो सकता है।
अरुणाचल
अरुणाचल प्रदेश के छह जिलों में बेहद कम है वैक्सीनेशन की रफ्तार
अरुणाचल प्रदेश के छह जिलों में वैक्सीनेशन अभियान की हालत बेहद खराब रही है। क्रा दादी जिले में केवल 18.31 प्रतिशत लोगों को ही वैक्सीन की पहली खुराक लगी है।
इसी तरह कुरुंग कुमे 27.34 प्रतिशत और अपर सुबनसारी जिले में 32.03 प्रतिशत लोगों को ही पहली खुराक लग पाई है।
राज्य में कुल वैक्सीनेशन की बात करें तो 77 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की पहली और 53 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराकें लग चुकी है।
बयान
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने क्या बताया धीमी रफ्तार का कारण?
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने न्यूज 18 से कहा, "इन जिलों से आबादी का बड़ा हिस्सा राज्य की राजधानी ईटानगर, पापुम पारे जिले के आसपास के क्षेत्रों और असम सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों में पलायन कर चुके हैं। जनगणना के आंकड़े वास्तविक जनसंख्या से अधिक है। ऐसे में इन जिलों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत कम नजर आ रहा है।"
उन्होंने कहा, "कुछ जिलों की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण वहां पहुंचना भी आसान नहीं है।"
जानकारी
"लोगों की वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट भी है बड़ा कारण"
मुख्यमंत्री खांडू ने कहा, "कुछ जिलों के लोगों में वैक्सीन के प्रति अभी भी हिचकिचाहट बनी हुई है। यह एक बड़ी चुनौती है। वैक्सीन के प्रति चल रही अफवाहों के कारण कुछ जिलों में लोग इसकी खुराक लगाने से बचने का प्रयास कर रहे हैं।"
मणिपुर
मणिपुर के आठ जिलों में 50 प्रतिशत से कम हुआ वैक्सीनेशन
मणिपुर के आठ जिलों में 50 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन हुआ है। कांगकोपकी 17.07 प्रतिशत, उखरुल में 19.55 प्रतिशत, कामजोंग और सेनापति जिलों में सिर्फ 28 प्रतिशत लोगों को ही पहली खुराक लगी है।
इसको लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, "हमने वैक्सीनेशन अभियान के लिए मोबाइल वैन लॉन्च की हैं, लेकिन कुछ ग्रामीण इलाकों में लोग घटते मामलों के बाद अब वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं। वैक्सीन लगाने के प्रयास जारी है।"
मेघायल-नागालैंड
मेघायल और नागालैंड में भी हालत है खराब
मेघालय के चार जिलों ने 50 प्रतिशत से कम वैक्सीनेशन हुआ है। पश्चिम खासी हिल्स जिले में 39.03 प्रतिशत तथा पूर्वी और दक्षिण गारो हिल्स में 40 प्रतिशत को पहली खुराक लगी है।
इसी तरह नागालैंड के किफिर जिले में सबसे कम 16.06 प्रतिशत, तुएनसांग में 20.76 प्रतिशत, फेक में 21.74 प्रतिशत और पेरेन जिले में 25.88 प्रतिशत आबादी को ही वैक्सीन की पहली खुराक लगी है। राज्य के नौ जिलों में स्थिति ठीक नहीं है।
जानकारी
"भौगोलिक स्थिति भी है बड़ा कारण"
मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, "भौगोलिक रूप से हमारा राज्य बहुत आसान नहीं है और हमारे सामने वैक्सीनों को दूर-दराज के इलाकों में भेजने में कई तरह की चुनौतियां हैं। सड़क मार्ग भी सुलभ नहीं हैं, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।"
असम
अमस में सबसे अधिक लोगों को लगी वैक्सीन
पूर्वोत्तर राज्यों में असम में सबसे अधिक 95 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लगी है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से घर-घर जाकर वैक्सीनेशन अभियान को फिर से मजबूत करने की अपील की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के बीच एक सीधी हेल्पलाइन स्थापित की गई है और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दैनिक आधार पर सूचनाओं के आसान और प्रभावी जानकारी के लिए विशेष व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है।
जानकारी
भारत में यह है वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,06,85,71,879 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन 52,39,444 खुराकें लगाई गईं। धीरे-धीरे वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार पकड़ रहा है।