कश्मीर के कई इलाकों में लैंडलाइन सेवा बहाल, जम्मू के पांच जिलों में इंटरनेट दोबारा शुरू

विशेष राज्य का दर्जा समाप्त दिए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में लागू प्रतिबंधों में धीरे-धीरे छूट दी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घाटी के 17 टेलीफोन एक्सचेंज में लैंडलाइन सेवा को बहाल कर दिया गया है। पिछले लगभग दो सप्ताह से घाटी में टेलीफोन और इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद थी। इससे पहले शुक्रवार को घाटी में कई सरकारी दफ्तर खुले थे। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इन इलाकों में बहाल हुई लैंडलाइन सेवा
घाटी में 100 से ज्यादा टेलीफोन एक्सचेंज है, जिनमें से 17 में लैंडलाइन सेवा शुरू की गई है। जिन इलाकों में लैंडलाइन सेवा बहाल हुई है, उनमें मध्य कश्मीर के बडगाम, सोनमार्ग, मनीगाम, उत्तर कश्मीर के गुरेज, तंगमार्ग, उरी केरन करनाह और तंगधार इलाके शामिल हैं। इनके अलावा श्रीनगर के सिविल लाइन्स, कैंट और एयरपोर्ट के आसपास के इलाके में यह सेवा शुरू की गई है। वहीं जम्मू के पांच जिलों में इंटरनेट सेवा को शुरू कर दिया गया है।
शुक्रवार को खुले थे दफ्तर
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि घाटी में सरकारी दफ्तर खुले हैं। उन्होंने बताया कि घाटी में सोमवार से स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे। स्थानीय प्रशासन ने मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर इसका फैसला किया है। शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि जल्द ही कश्मीर में जारी पाबंदियां हटा ली जाएंगी।
घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर जारी है पाबंदी
सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि इस सप्ताहांत तक अधिकतर टेलीफोन लाइन बहाल कर दी जाएँगी। हालांकि, उन्होंने मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के बारे में कुछ नहीं कहा। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आतंकी समूह मोबाइल सेवाओं का इस्तेमाल 'आतंकी गतिविधियों' के लिए कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कई दिनों से जारी है प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। साथ ही सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था। इन फैसलों के बाद स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू कर दिये थे। धारा 144 लगाने के साथ-साथ टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई थी।