UNSC बैठक के बाद भारत ने कश्मीर को बताया आंतरिक मामला, पाकिस्तान को दो टूक जवाब
क्या है खबर?
पाकिस्तान द्वारा लिखे पत्र और उसके बाद चीन के अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर मामले पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अनौपचारिक बैठक हुई।
इस बैठक के बाद UNSC की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, लेकिन चीन और पाकिस्तान ने अपने-अपने दावे किये।
भारत ने इन दावों का खंडन किया है। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से उसका आंतरिक मामला है।
आइये, जानते हैं कि इस बैठक के बाद क्या हुआ।
बैठक
अनौपचारिक बैठक का मतलब क्या?
UNSC में जम्मू-कश्मीर मामले पर अनौपचारिक बैठक हुई थी। इसमें भारत और पाकिस्तान का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं था क्योंकि ये दोनों UNSC के सदस्य नहीं हैं।
अनौपचारिक बैठक का मतलब है कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाएगा और न ही इसमें दिए गए सदस्य देशों के बयान को रिकॉर्ड किया गया है।
बता दें कि इससे पहले 1965 में UNSC में कश्मीर मामले एक सब्जेक्ट और 1971 में एक टॉपिक के तौर पर चर्चा हुई थी।
बयान
बैठक के बाद चीन ने दिया यह बयान
बंद कमरे में हुई बैठक खत्म होने के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के राजदूत झेंग जून ने कहा, "UNSC के सदस्य वहां (जम्मू-कश्मीर) में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंतित है। साथ ही सभी सदस्य देशों का यह मानना है कि इस मामले से जुड़े पक्षों को किसी भी ऐसे एकतरफा कदम उठाने से बचने चाहिए जो इस तनाव को बढ़ाने वाले हों। वहां पहले से काफी तनाव है।"
चीन ने बैठक में लद्दाख का मामला भी उठाया।
पाकिस्तान का बयान
पाकिस्तान ने थपथपाई खुद की पीठ
वहीं संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कश्मीर मामले को UNSC में उठाने को पहला कदम बताया है।
लोधी ने कहा कि कई दशकों के बाद यह मुद्दा UNSC में उठा है। अब यह साबित हो गया कि यह भारत का आंतरिक नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मामला है।
उन्होंने कहा कि इस बैठक ने भारत का वह दावा खारिज कर दिया, जिसमें वह कश्मीर को अपना आंतरिक मामला बताता है।
भारत का जवाब
भारत ने दिया जोरदार जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने एक-एक कर चीन और पाकिस्तान के दावों की पोल खोली।
बैठक के बाद अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 में बदलाव करना जम्मू-कश्मीर के लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उठाया गया कदम है।
उन्होंने कहा कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और इसका बाहरी लोगों से कोई संबंध नहीं है। जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
बयान
अपनी बातों को दुनिया की चिंता बता रहा चीन- अकबरूद्दीन
कश्मीर में चीन द्वारा मानवाधिकारों की स्थिति पर सवाल उठाने के दावे पर अकबरूद्दीन ने कहा कि चीन अपनी बातों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा बताकर पेश कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हमने पहली बार देखा कि सुरक्षा परिषद की बैठक खत्म होने के बाद दो देश (चीन और पाकिस्तान), जिन्होंने अपने आधिकारिक बयान देकर इसे अंतराराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा के तौर पर दिखाया है।"
वहीं अकबरूद्दीन ने पाकिस्तान को भी जोरदार जवाब दिया है।
बयान
भारत के बातचीत के लिए आतंकवाद रोके पाकिस्तान- अकबरूद्दीन
पाकिस्तान के बयान पर प्रतिक्रिया देेते हुए अकबरूद्दीन ने कहा कि एक देश जिहाद और हिंसा की बात कर रहा है। यह बात मान लेनी चाहिए कि हिंसा किसी भी मामले का हल नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत से बातचीत चाहता है तो पहले उसे आतंकवाद पर रोक लगानी होगी।
उन्होंने कहा कि भारत कश्मीर पर किए गए सभी समझौते के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि वहां स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे।
UNSC
संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख संस्थाओं में से एक है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है।
इस परिषद का उत्तरदायित्व अतंरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है।
परिषद में कुल 15 स्दस्य होते हैं, जिनमें से पांच स्थायी सदस्य हैं और दस अल्पकालिक स्दस्य।
परिषद के स्थायी देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस। स्थायी देश किसी भी प्रस्ताव पर वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भारत लंबे समय में इसकी स्थायी सदस्यता पाने की कोशिश में है।