इराक और सीरिया में झटके के बाद वैश्विक उपस्थिति बढ़ा रहा इस्लामिक स्टेट, भारत पर नजर
क्या है खबर?
दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन माने जाने वाले इस्लामिक स्टेट (IS) की नजर भारत पर है और वह देश में अपनी जड़ें जमाने में लगा हुआ है।
इराक और सीरिया में दबदबा कम होने के बाद IS ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और इसी रणनीति के तहत वह भारत में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
भारत के अलावा IS की नजर तुर्की, अफगानिस्तान और श्रीलंका आदि देशों पर भी है।
रिपोर्ट
2019 में IS ने बढ़ाई वैश्विक उपस्थिति
दुनियाभर के संघर्षों पर नजर रखने वाले अमेरिकी संगठन आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा (ACLED) की रिपोर्ट में काफी बातें निकलकर सामने आई हैं।
ACLED के अनुसार, IS ने 2018 में इराक और सीरिया में क्षेत्रीय नुकसान की भरपाई 2019 में अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाकर करी है।
रिपोर्ट में पेश आंकड़ों के अनुसार, IS ने अपने इतिहास में पहली बार इन दो देशों (पश्चिम एशिया) की बजाय अन्य देशों में ज्यादा हमले किए।
आंकड़े
60 प्रतिशत गतिविधियां पश्चिम एशिया से बाहर
रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 में IS की 60 प्रतिशित गतिविधियां पश्चिम एशिया से बाहर हुईं।
इनमें से ज्यादातर गतिविधियों का केंद्र दक्षिण एशिया और अफ्रीका रहा।
वहीं, 2018 में ये आंकड़ा 45 प्रतिशत था। इससे पहले के सालों 2016 और 2017 में तो ये आंकड़ा 20 प्रतिशत से भी कम था।
इन आंकड़ों में IS की वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति साफ तौर पर नजर आती है।
खतरा
इन देशों पर है IS की नजर
रिपोर्ट में कहा गया है, "इस साल के पहले 5 महीनों में IS ने वैश्विक गतिविधियों पर अभूतपूर्व जोर दिया है। 5 साल में अपने पहले वीडियो (अप्रैल में श्रीलंका ईस्टर बम धमाकों के बाद) में अबू बकर अल बगदादी ने दक्षिण और केंद्र एशिया में संगठन की गतिविधियों पर जोर दिया।"
इसके अनुसार, भारत, अफगानिस्तान, श्रीलंका, सऊदी अरब, तुर्की, कांगो, बुर्किना फासो, माली और लिबिया, ऐसे देश हैं जहां IS का प्रभाव बढ़ा है और सक्रिय है।
आतंकी गतिविधियां
कश्मीर में प्रांत बनाने का दावा कर चुका है IS
बता दें कि इससे पहले भी कई खुफिया रिपोर्ट्स में ये सामने आ चुका है कि IS भारत में अपनी पैठ जमाने की कोशिश कर रहा है।
उसके मुख्य निशाने पर कश्मीर, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु हैं।
उसने कश्मीर में 'विलायाह ऑफ हिंद' प्रांत बनाने का दावा भी किया था।
हालांकि सुरक्षा एजेसियां कह चुकी हैं कश्मीर में IS का कोई वजूद नहीं है और उसे खत्म किया जा चुका है।