स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू में हटाई गईं सारी पाबंदियां, कश्मीर में रहेंगी जारी
क्या है खबर?
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जम्मू में लगी सारी पाबंदियों को हटा दिया गया है, जबकि कश्मीर में अभी कुछ और समय तक ये पाबंदियां लगी रहेंगी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी।
बता दें कि इस बात की आशंकाएं और खुफिया रिपोर्ट्स हैं कि स्वतंत्रता दिवस के दिन कश्मीरियों को भड़काने का काम किया जा सकता है, इसलिए इन्हें हटाने पर फैसला 15 अगस्त के बाद ही लिया जाएगा।
बयान
अतिरिक्त DGP ने कहा, हालात पूरी तरह नियंत्रण में
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त DGP मुनीर खान ने कहा, "जम्मू में लगाई गई पाबंदियों को पूरी तरह हटा लिया गया है। कश्मीर के कुछ इलाकों में पाबंदियां कुछ समय तक जारी रहेंगी।"
इस दौरान उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और किसी को कोई बड़ी चोट नहीं लगी है।
उन्होंने कहा कि पैलेट गन से कुछ लोगों को चोटें लगी हैं, लेकिन उनका उपचार किया जा चुका है।
पृष्ठभूमि
4 अगस्त से लगी हुई हैं पाबंदियां
बता दें कि 4 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में टीवी, इंटरनेट और फोन सेवाओं को बंद कर दिया गया था और राज्य में धारा 144 लागू की गई थी।
राज्य के कई नेताओं को भी हिरासत में लिया गया।
इसके एक दिन बाद 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया।
इसके अलावा राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटने का फैसला भी लिया गया।
याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने किया दखल देने से इनकार
पहले जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजने और फिर ये पाबंदियां लगाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना भी हुई।
कांग्रेस नेता और एक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला ने पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्रशासनिक मामला बताते हुए इसमें दखल देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा था कि वह रोजाना की प्रशासनिक गतिविधियों में दखल देने के खिलाफ है और ये भूमिका नहीं निभा सकता।
शांति
कश्मीर में शांति से बनाई गई ईद
इस बीच जम्मू-कश्मीर में हालात नियंत्रण में रहे हैं और कश्मीर में जुम्मे की नवाज और ईद शांति से बनाई गई।
विदेशी मीडियो में जरूर विरोध प्रदर्शन की कुछ खबरें आईं, लेकिन भारतीय मीडिया में इससे संबंधित कोई बड़ी खबर नहीं है।
सरकार का कहना है कि उपद्रवी तत्वों को अफवाहें फैलाने और लोगों को भड़काने से रोकने के लिए ये पाबंदियां लगाई गई हैं और इन्हें धीरे-धीरे करके हटाया जाएगा।