कश्मीर मुद्दे पर UNSC की बैठक आज, चीन के अनुरोध पर हो रही चर्चा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर शुक्रवार को चर्चा होगी। पाकिस्तान के पत्र के बाद चीन ने जम्मू-कश्मीर मामले पर चर्चा की मांग की थी। यह बैठक बंद कमरे में होगी और पाकिस्तान इसमे मौजूद नहीं होगा। दशकों बाद यह पहला मौका होगा जब कश्मीर मामले पर UNSC में चर्चा होगी। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अवैध बताते हुए UNSC को पत्र लिखा था।
UNSC में अंतिम बार 1971 में हुई थी कश्मीर मुद्दे पर चर्चा
इससे पहले 1965 में UNSC में कश्मीर मामले एक सब्जेक्ट और 1971 में एक टॉपिक के तौर पर चर्चा की गई थी। 1971 के बाद यह पहली बार है जब कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही है।
पाकिस्तान ने बैठक को बताया राजनयिक उपलब्धि
इससे पहले पाकिस्तान ने UNSC के इस महीने के अध्यक्ष देश पोलैंड को लिखकर कश्मीर मामले पर चर्चा की मांग की थी। इसके बाद चीन ने सुरक्षा परिषद के एजेंटा आइटम 'इंडिया पाकिस्तान क्वेश्चन' पर क्लोज्ड कंस्लटेशन की मांग की थी। यह एक तरह की अनौपचारिक बैठक होती है। चार दशकों बाद UNSC में कश्मीर मुद्दे पर हो रही बैठक को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बड़ी राजनयिक उपलब्धि बताया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने UNSC को लिखा था पत्र
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे पर आपातकाल बैठक बुलाने UNSC के प्रमुख को एक औपचारिक पत्र भेजा था। कुरैशी ने कहा था कि यह पत्र UNSC के सभी सदस्य देशों के साथ भी शेयर किया जाएगा। उन्होने कहा था, "मैंने इस पत्र में अनुरोध किया है कि UNSC एक आपात बैठक बुलाए और उसमें भारत द्वारा की गई कार्रवाई पर चर्चा करे, जिसे हम अवैध समझते हैं और जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के खिलाफ है।"
पोलैड ने कही थी द्विपक्षीय समाधान की बात
पाकिस्तान की इन कोशिशों को उस वक्त करारा झटका लगा था, जब पोलैंड ने उसके अनुरोध को ठुकरा दिया था। पोलैंड ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय मामला है और दोनों देशों को मिलकर इसका हल निकालना चाहिए। पोलैंड से पहले UNSC के स्थायी देश रूस ने भारत का साथ दिया था। रूस ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के फैसले को संविधान के दायरे में लिया गया कदम बताया था।
भारत ने बताया था आंतरिक मामला
भारत द्वारा उठाए गए कदमों के बाद विदेश सचिव ने विदेशी उच्चायुक्तों को इसकी जानकारी दी थी। वहीं एस जयशंकर ने पोलैंड के विदेश मंत्री से बात कर इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था। भारत में पोलैंड के राजदूत ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि पोलैंड को उम्मीद है कि दोनों देश एक फायदेमंद समाधान के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में बातचीत के हिमायती हैं।
कश्मीर पर तीसरे पक्ष की दखल नहीं चाहता भारत
पोलैंड का यह बयान भारत के उस रूख से मेल खाता है, जिसमें भारत ने कश्मीर को हमेशा द्विपक्षीय मामला बताया है। भारत मानता है कि कश्मीर दोनों देशों के बीच का मुद्दा है और वह इस मामले में तीसरे पक्ष की दखल नहीं चाहता।
संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख संस्थाओं में से एक है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है। इस परिषद का उत्तरदायित्व अतंरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। परिषद में कुल 15 स्दस्य होते हैं, जिनमें से पांच स्थायी सदस्य हैं और दस अल्पकालिक स्दस्य। परिषद के स्थायी देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस। स्थायी देश किसी भी प्रस्ताव पर वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत लंबे समय में इसकी स्थायी सदस्यता पाने की कोशिश में है।