हिंसा की खबरों पर बोले जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख, छह दिन में नहीं चली एक भी गोली
क्या है खबर?
पश्चिमी मीडिया में जम्मू-कश्मीर में हिंसा की खबरों के बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शनिवार शाम को कहा कि 6 दिन में अभी तक एक भी गोली नहीं चली है।
उन्होंने हिंसा की खबरों को झूठा बताते हुए लोगों को ऐसी अफवाहों से दूर रहने को कहा।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर से आ रही हिंसा की खबरों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से स्थिति साफ करने को कहा।
बयान
राहुल ने जताई हिंसा की खबरों पर चिंता
रात 10 बजे कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की बैठक से बाहर निकलते वक्त राहुल ने बताया कि अगला अध्यक्ष चुनने के लिए हो रही बैठक को घाटी से आ रही चिंताजनक रिपोर्ट्स के कारण रोक दिया गया और जम्मू-कश्मीर पर चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, "वहां चीजें गलत दिशा में जा रही हैं। हिंसा और लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट्स हैं... प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार को देश को साफ बताना चाहिए कि आखिर कश्मीर में क्या हो रहा है।"
प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत दिया जवाब
राहुल के इस बयान के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मुख्य सचिव और जम्मू-कश्मीर DGP का बयान जारी किया।
इसमें लिखा है, "हम लोगों से घाटी में फायरिंग की मनगढ़ंत और प्रेरित खबरों पर विश्वास न करने का अनुरोध करते हैं। पुलिस ने पिछले 6 दिनों में अभी तक एक भी गोली नहीं चलाई है। स्थिति शांत है, लोग सहयोग कर रहे हैं और पांबदियों में कमी की जा रही है।"
ट्विटर पोस्ट
हिंसा की मनगढ़ंत खबरों पर ध्यान न दें लोग- जम्मू-कश्मीर पुलिस
Press Release.@diprjk @KashmirPolice @igpjmu pic.twitter.com/mDhlKJMYyO
— JK Police (@JmuKmrPolice) August 10, 2019
बयान
जम्मू-कश्मीर DGP ने हिंसा की खबरों को बताया झूठा
वहीं, जम्मू-कश्मीर DGP दिलबाग सिंह ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि शनिवार को जम्मू-कश्मीर में हिंसा का एक भी मामला सामने नहीं आया।
उन्होंने कहा कि स्थिति बिल्कुल सामान्य है और दक्षिण कश्मीर से भी कोई मामले सामने नहीं आया है।
हिंसा की खबरों को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा, "हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।"
सिंह ने ईद-उल-जुहा की तैयारियों के लिए पाबंदियों में अधिक छूट के संकेत भी दिए।
स्थिति
पिछले रविवार से जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले रविवार से ही कर्फ्यू लगा हुआ है।
सोमवार को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था।
इसके बाद एक बिल के जरिए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटा गया।
संसद की मंजूरी और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब ये बिल कानून बन चुका है और जम्मू-कश्मीर आधिकारिक तौर पर एक केंद्र शासित प्रदेश है।
चुनौती
कश्मीर से बाहर नहीं आ रहीं खबरें
जम्मू और लद्दाख में इन फैसलों के समर्थन में माहौल है, लेकिन कश्मीरियों की इस पर क्या प्रतिकिया है, ये साफ नहीं है।
कर्फ्यू, इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद होने के कारण कश्मीर के अंदर से खबर बाहर नहीं आ रही हैं।
संशय के इसी माहौल में विदेशी मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में कश्मीर में हिंसा की बात कही जा रही है।
शुक्रवार को जुम्मे की नवाज के बाद श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन की बात भी सामने आ रही है।