जम्मू-कश्मीर: 8 प्रतिशत वोट शेयर से 3 सीटें जीती NC, 28 प्रतिशत वाली कांग्रेस खाली हाथ
लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की 6 सीटों में से 3 पर भारतीय जनता पार्टी और 3 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत दर्ज की। कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को कोई सीट नहीं मिली। इसके उलट राज्य की दूसरी स्थिति तब सामने आती है, जब वोट प्रतिशत पर नजर दौड़ाने से पता चलता है कि 7.89 प्रतिशत वोट शेयर वाले NC को 3 सीटें मिलीं, जबकि 28.47 प्रतिशत वोट शेयर वाली कांग्रेस के हाथ कुछ नहीं आया।
जम्मू-कश्मीर की जटिलता का समझाता है ये चुनाव
जम्मू-कश्मीर की जटिलता और उसके तीनों क्षेत्रों, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख, में अंतर को समझाने के लिए इन लोकसभा चुनावों को परिणाम सटीक है। भले ही भाजपा और NC ने बराबर 3-3 सीटें जीती हों, लेकिन दोनों के वोट शेयर में जमीन-आसमान का अंतर है। भाजपा को राज्य में सबसे अधिक 46.39 प्रतिशत वोट हासिल हुए, जबकि NC को मात्र 7.89 प्रतिशत वोट मिले। ऐसा कैसे हुआ, इसका राज विभिन्न क्षेत्रों में हुए अलग-अलग मतदान से पता चलता है।
कहां हुआ कितने प्रतिशत मतदान?
जम्मू क्षेत्र की दो लोकसभा सीटों, ऊधमपुर और जम्मू, पर 71.22 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं लद्दाख की एकमात्र सीट पर 72.25 प्रतिशत लोगों ने अपने वोटिंग अधिकार का प्रयोग किया। कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों, अनंतनाग, बारामूला और श्रीनगर, में मात्र 19.13 प्रतिशत मतदान हुआ।
किसने कहां उतारे प्रत्याशी?
भाजपा ने सभी 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जबकि कांग्रेस ने 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे और श्रीनगर सीट को NC अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के लिए खाली छोड़ दिया। NC ने केवल कश्मीर की 3 सीटों पर ही चुनाव लड़ा और जम्मू में कांग्रेस और लद्दाख में निर्दलीय प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया। PDP ने भी यही किया। ये इसलिए किया गया क्योंकि भाजपा की तरह कांग्रेस का अधिकांश वोटबैंक जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में ही है।
ये है वोट प्रतिशत में भारी अंतर का कारण
इससे जम्मू और लद्दाख की सीटों पर मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच रह गई और इन क्षेत्रों में हुए भारी मतदान का असर उनके वोट शेयर पर देखने को मिला। यहां पड़े कुल वोटों का 58.34 प्रतिशत हिस्सा भाजपा को और 33.87 प्रतिशत कांग्रेस को प्राप्त हुआ। वहीं, कश्मीर की तीनों सीटों जीतने के बावजूद कम मतदान का असर NC के कुल वोट प्रतिशत पर देखने को मिला और उसे कांग्रेस से बेहद कम वोट मिले।