रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री मोदी, जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर कर सकते हैं बात
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री मोदी आज रात 8 बजे रेडियो के माध्यम से देश को संंबोधित करेंगे।
माना जा रहा है कि इस संबोधन के दौरान वो जम्मू-कश्मीर को दिये गए विशेष दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले पर बात करेंगे।
पिछली बार उन्होंने 27 मार्च को देश को संबोधित किया था। लोकसभा चुनावों से पहले हुए इस संबोधन में उन्होंने भारत द्वारा एंटी-सैटेलाइल मिसाइल के सफलतापूर्वक प्रयोग पर बात की थी।
फैसले
संसद ने पास किया जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक
सोमवार को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का ऐलान किया था।
संसद से यह विधेयक पास हो गया। इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का विधेयक भी रखा था, जिसे संसद की मंजूरी मिल गई थी।
इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी किसी भी दिन देश के नाम संबोधन दे सकते हैं।
जानकारी
15 अगस्त को लाल किले से संबोधन देंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री का यह संबोधन 15 अगस्त के दिन लाल किले से होने वाले पारंपरिक संबोधन से लगभग एक सप्ताह पहला होगा। इसलिए माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस संबोधन में मुख्य तौर पर जम्मू-कश्मीर को लेकर ही बात करेंगे।
जम्मू-कश्मीर
ये हैं जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए सरकार के बड़े फैसले
केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर दी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का आदेश जारी किया।
जम्मू-कश्मीर की अपनी अलग विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। इसके साथ ही देश में केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।
वहीं, लद्दाख के पास अपनी विधानसभा नहीं होगी। इसका मतलब है कि वहां उप-राज्यपाल के जरिए केंद्र सरकार का सीधा शासन होगा।
बदलाव
जम्मू-कश्मीर में अब क्या-क्या बदलेगा?
पहले जम्मू-कश्मीर के अलग संविधान के कारण यहां के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता थी। एक जम्मू-कश्मीर की और दूसरी भारतीय नागरिकता। अब यहां के नागरिकों के पास भारतीय नागरिकता होगी।
पहले राज्य में राष्ट्रपति धारा 356 के तहत आर्थिक आपातकाल लागू नहीं कर सकते थे, अब ऐसा नहीं होगा।
पहले राज्य में राज्यपाल शासन होता था, अब देश के दूसरे हिस्सों की तरह यहां भी राष्ट्रपति शासन होगा।
पहले राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण नहीं था, अब होगा।
अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 में क्या था?
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार को राज्य में रक्षा, विदेश नीति और संचार मामलों को छोड़कर किसी भी अन्य मामले में कानून बनाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत होती थी।
साथ ही इस अनुच्छेद के कारण राष्ट्रपति राज्य में आर्थिक आपातकाल घोषित नहीं कर सकते थे।
अनुच्छेद के तहत राज्य का अपना अलग झंडा था और यहां विधानसभा का कार्यकाल छह साल का होता था, जबकि देश में यह पांच साल का होता है।