कश्मीर में सोमवार से खुलेंगे स्कूल और दफ्तर, जम्मू में पहले ही हट चुकी हैं पाबंदियां
विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से प्रतिबंधों से घिरे कश्मीर में सोमवार से स्कूल और सरकारी दरफ्तर खुल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय प्रशासन ने मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर इसका फैसला किया है। इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगले कुछ दिनों में घाटी में जारी सभी पाबंदियां हटा दी जाएंगी। पिछले कई दिनों से घाटी में स्कूल, दफ्तर और दूसरी सेवाएं बंद हैं।
घाटी में सामान्य हो रही स्थिति- केंद्र
सुप्रीम कोर्ट में घाटी से प्रतिबंध हटाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और प्रशासन रोजाना मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहा है।
राज्य में 4 अगस्त से जारी है प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। साथ ही सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया था। इन फैसलों के बाद स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य में कड़े प्रतिबंध लागू कर दिये थे। धारा 144 लगाने के साथ-साथ टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई थी।
महबूबा मुफ्ती की बेटी ने गृहमंत्री को लिखा पत्र
इन पाबंदियों के लागू होते ही सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार कर लिया था। उनके अलावा लगभग 400 दूसरे नेताओं को हिरासत में रखा है। स्वतंत्रता दिवस के दिन मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि उन्हें कई दिनों से हिरासत में रखा है। उन्हें धमकी दी जा रही है कि अगर उन्होंने मीडिया से बात की तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
जम्मू से हटी पाबंदियां
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जम्मू से पाबंदियां हटा ली गई थी। इलाके में स्कूल और दफ्तर खुलने लगे हैं। वहीं प्रशासन ने कश्मीर में 15 अगस्त के बाद स्थिति की समीक्षा की बात कही थी। अब 19 अगस्त से स्कूल और दफ्तर खुलेंगे।
स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल ने श्रीनगर में फहराया तिरंगा
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में हुए सरकारी समारोह में तिरंगा फहराया। इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे। विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद यह पहला स्वतंत्रता दिवस था। इस मौके पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने केंद्र सरकार के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के फैसले को ऐतिहासिक बताया था।