यूक्रेन-रूस युद्ध: सुमी से नहीं निकल पाए भारतीय छात्र, सुरक्षित रास्ता नहीं बन पाया
क्या है खबर?
रूस के सीजफायर का ऐलान करने के बावजूद भारत अभी तक यूक्रेन के सुमी से अपने छात्रों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल पाया है।
इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बोलते हुए भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत इस बात को लेकर बहुत चिंतित है कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को बाहर निकालने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर नहीं बन पाया।
बयान
भारत ने UNSC में क्या-क्या कहा?
तिरुमूर्ति ने अपने बयान में यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई और युद्धग्रस्त देश में फंसे भारतीय नागरिकों समेत सभी आम लोगों के लिए सुरक्षित रास्ते की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मानवीय संकट पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
तिरुमूर्ति ने यह भी बताया कि भारत अभी तक यूक्रेन से अपने 20,000 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल चुका है और उसने मदद मांगने वाले अन्य देशों के नागरिकों की भी मदद की है।
सुमी
सुमी में फंसे हुए हैं लगभग 700 भारतीय छात्र
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव से 350 किलोमीटर पूर्व और खारकीव से 180 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित सुमी में अभी भी लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं।
इलाके के आसपास भीषण युद्ध चल रहा था, इसलिए ये छात्र बाहर नहीं निकल पाए हैं। भारतीय दूतावास ने इन छात्रों से शॉर्ट नोटिस पर निकलने के लिए तैयार रहने को कहा है।
ये छात्र पहले पैदल ही निकल रहे थे, लेकिन सरकार के संपर्क करने के बाद रुक गए।
सीजफायर
सुमी में सीजफायर के बाद जागी थी छात्रों के सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद
सुमी में फंसे इन छात्रों के सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद तब जाग गई थी जब सोमवार को आम लोगों को निकलने देने के लिए रूस ने सुमी समेत चार शहरों में सीजफायर का ऐलान किया था।
हालांकि ये सीजफायर जमीन पर सफल नहीं हुआ और छात्र अभी भी सुमी में ही फंसे हुए हैं। छात्रों का कहना है कि उन्हें एक बार फिर से इंतजार करने को कहा गया है।
मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से मांगी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कल इस संबंध में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी और उनसे सुमी से छात्रों को बाहर निकालने में मदद मांगी थी।
पुतिन ने उन्हें भरोसा दिया था कि रुस भारत की मदद करेगा और उसकी सेना छात्रों को बाहर निकालने के लिए सुरक्षित रास्ता देगी।
हालांकि अभी तक जमीन पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
आरोप-प्रत्यारोप
सीजफायर पर यूक्रेन और रूस ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
बता दें कि सीजफायर के सफल न होने के लिए रूस और यूक्रेन ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
यूक्रेन का कहना है कि रूस सीजफायर के बावजूद गोले दाग रहा है। जेलेंस्की ने रूस के मानवीय कॉरिडोर्स को अनैतिक भी बताया है क्योंकि ये बेलारूस और रूस में जाकर खुलते हैं जहां यूक्रेनी लोग सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे।
रूस ने यूक्रेन पर आम लोगों को निकलने नहीं देने और उन्हें ढाल की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।