सरकार ने 80 प्रतिशत कम किया शिक्षण संस्थानों का पेटेंट शुल्क, जारी की अधिसूचना
सरकार ने शोध को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच पेटेंट को बढ़ावा देने की दिशा में भी अहम कदम उठाया है। सरकार ने शिक्षण संस्थानों के पेटेंट शुल्क को 80 प्रतिशत घटा दिया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ज्ञान अर्थव्यवस्था में नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए पेटेंट फाइलिंग में यह राहत दी गई है। इसके लिए सरकार ने पेटेंट संशोधित नियम 2021 की अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह 21 सितंबर से लागू होगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी की है विज्ञप्ति
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है, 'नवाचार के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए भारत सरकार का उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग उद्योग और शिक्षाविदों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है। ऐसा शैक्षिक संस्थानों में किए गए अनुसंधान के व्यावसायीकरण को सुविधाजनक बनाकर ही किया जा सकता है।' सरकार के इस कदम से शोधार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
'अधिक शुल्क से शोधार्थियों को पेटेंट कराने में आ रही थी मुश्किलें'
मंत्रालय ने कहा, 'अधिक पेटेंट शुल्क शोधार्थियों के लिए नए अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को पेटेंट कराने में एक बाधा थी। इसने नई प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक निरुत्साह के रूप में काम किया है।' मंत्रालय ने कहा, 'पेटेंट के लिए आवेदन करते समय शोधार्थियों को उन संस्थानों के नाम पर आवेदन करना पड़ता था जिन्हें अत्यधिक पेटेंट शुल्क का भुगतान करना होता था, लेकिन सरकार ने अब इसे पेटेंट संशोधन नियम, 2021 के माध्यम से कम कर दिया है।'
सरकार ने इन नियमों में भी किया संशोधन
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने प्रक्रियात्मक विसंगतियों और पेटेंट आवेदनों में अनावश्यक प्रक्रिया को खत्म करने के लिए 2016, 2017, 2019 और 2020 के पेटेंट नियमों में संशोधन किया। इससे अनुदान, पंजीकरण और अंतिम निपटान प्रक्रिया में तेजी आई है।
सरकार ने पेटेंट संशोधन नियम 2021 में यह किया बदलाव
मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने पेटेंट संशोधन नियम, 2021 में नए परीक्षकों की भर्ती करके जनशक्ति बढ़ाने, पेटेंट आवेदन करने और देने की प्रक्रिया ऑनलाइन करने, त्वरित और संपर्क रहित कार्यवाही के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेटेंट में मामलों की सुनवाई, वेबसाइट को गतिशील ढंग से दोबारा डिजाइन करना और हितधारकों तक बिना किसी परेशानी के वास्तविक समय आधार पर IP सूचनाएं पहुंचाने और पेटेंट के लिए डिजिटल प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने का काम किया गया है।
नए पेटेंट संशोधन नियम 2021 से यह होगा फायदा
मंत्रालय के अनुसार, पेटेंट संशोधन नियम 2021 में पेटेंट फीस को 4.5 लाख रुपये से घटाकर 85,000 हजार रुपये किया गया है। इसके अलावा पेंटेंट प्रक्रिया में लगने वाले समय को 72 महीनों से घटाकर 24-30 महीने करने का प्रयास किया गया है। पिछले कुछ सालों में इस प्रक्रिया में 48 महीनों का समय लग रहा था। इसके अलावा त्वरित परीक्षा प्रणाली के जरिए इस तरह के अनुरोधों को प्राप्ति से एक वर्ष में निपटाने का प्रयास हो रहा है।