कैसे देश के तौर पर अस्तित्व में आया था यूक्रेन? जानिये इसका संक्षिप्त इतिहास
रूस के आक्रमण के चलते पूरी दुनिया की निगाहें इस वक्त यूक्रेन पर टिकी हुई हैं। यूक्रेनियन राष्ट्रपति ने रूस के सामने हथियार डालने से इनकार करते हुए कहा कि वो अपनी आजादी और देश की रक्षा करेंगे। दूसरी तरफ रूस का कहना है कि यूक्रेन का असल राष्ट्र होने का कोई इतिहास नहीं है और उसके आधुनिक स्वरूप को रूस ने बनाया था। इन सबके बीच आज हम यूक्रेन के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले जानिये कहां है यूक्रेन
यूक्रेन यूरोप के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह तीन तरफ से रूस से घिरा हुआ है और मोल्डोवा, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड और बेलारूस से भी साझा करता है। रूस के बाद यह यूरोप का सबसे बड़ा देश है और यहां करीब 4.3 करोड़ लोग रहते हैं। इनमें से 67.5 प्रतिशत यूक्रेनियन और 29.6 प्रतिशत लोग रूसी भाषा बोलते हैं। रूसी भाषा बोलने वाले अधिकतर लोग देश के पूर्वी हिस्से में रूस से सटी सीमा के पास रहते हैं।
यूक्रेन का इतिहास
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, करीब हजार साल पहले पूर्वी और उत्तरी यूरोप के बाल्टिक, फिनिक और पूर्वी साल्विक लोगों का एक संघ 'कीवन रस' था, जिसकी राजधानी कीव थी। आधुनिक यूक्रेन, रूस और बेलारूस की सांस्कृतिक जड़ें कीवन रस से जुड़ी हुई हैं। 988 AD में कीव के राजकुमार व्लादिमीर महान ने ईसाई धर्म को राजकीय धर्म घोषित कर दिया था। 10वीं और 11वीं शताब्दी में यह अपने चरम पर था और 13वीं शताब्दी आते-आते यह कमजोर होने लगा।
16वीं सदी में हुई यूक्रेनियन राष्ट्रीयता की शुरुआत
1569 में पोलैंड साम्राज्य और लिथुआनिया के ग्रैंड ड्यूची ने मिलकर पॉलिश-लिथुआनियन कॉमनवेल्थ की स्थापना की, जो उस वक्त यूरोप का सबसे बड़ा देश था। आधुनिक यूक्रेनियन राष्ट्रीयता की शुरुआत इस घटना से करीब एक सदी बाद शुरू होती है। 1648 में हेटमेन बोह्दान ख्मेलनित्सकी के नेतृत्व में कॉसाक्स ने पॉलिश साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह किया और कीव पर कब्जा कर लिया और उस इलाके में यूक्रेनियन राज्य कॉसाक्स हेटमेंटे की स्थापना की।
पहले विश्व युद्ध में रूसी साम्राज्य की तरफ से लड़े थे यूक्रेनियन लोग
करीब एक सदी बाद रूस की महारानी कैथरीन महान ने हेटमेंटे के शासन को समाप्त कर दिया और यूक्रेनियन इलाके को रूसी साम्राज्य में शामिल कर लिया। पहले विश्व युद्ध के दौरान करीब 35 यूक्रेनियन लोग रूसी साम्राज्य की तरफ से लड़े थे। युद्ध के बाद रूसी साम्राज्य खत्म हो गया और साम्यवादियों के नेतृत्व में यूक्रेन के राष्ट्रीय आंदोलन ने जोर पकड़ा और कई यूक्रेनियन राज्य अस्तित्व में आ गए।
बोल्शेविक्स ने की स्वतंत्र यूक्रेन की घोषणा
1917 की साम्यवादी क्रांति के बाद सत्ता में आने पर बोल्शेविक्स ने एक स्वतंत्र यूक्रेन गणराज्य की घोषणा की, लेकिन सत्ता के कई दावेदारों के बीच गृहयुद्ध जैसी स्थिति जारी रही। 1922 में यह सोवियत संघ (USSR) का हिस्सा बन गया।
1991 में यूक्रेन ने लागू किया आजादी का कानून
1991 में सोवियत संघ बिखर गया, लेकिन यूक्रेन में आजादी की मांग बहुत पहले से जोर पकड़ने लगी थी। 24 अगस्त, 1991 को राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव को हटाने के लिए किए गए असफल तख्तापलट के बाद यूक्रेन की संसद ने आजादी के कानून को लागू कर दिया। इसके बाद संसद के प्रमुख लियोनिड क्रावचुक को देश का पहला राष्ट्रपति बनाया गया। दिसंबर, 1991 में बेलारूस, रूस और यूक्रेन ने आधिकारिक तौर पर सोवियत संघ का विघटन कर दिया था।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
करीब 90 साल पहले यूक्रेन में अकाल पड़ा था, जिसमें लाखों लोगों की मौत हुई थी। उसके बाद सोवियत रूस के बड़े नेता स्टालिन की नीतियों के कारण वहां हालात बदतर हो गए। इससे लोगों मे रूस के प्रति गुस्सा पनपना शुरू हो गया। 1954 में रूस ने क्रीमिया को भेंट के तौर पर यूक्रेन को दे दिया। इसका मकसद वहां उठ रही रूस विरोधी आवाज को दबाना था। हालांकि, 2014 में रूस ने क्रीमिया पर वापस कब्जा कर लिया।