सरकार ने किसानों को दिया मांगे पूरी करने का आश्वासन, खत्म हो सकता है आंदोलन- रिपोर्ट
तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान अब जल्द ही आंदोलन की समापन की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार के साथ किसानों की मांगों को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ी है और सरकार ने उन्हें मांगे पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया है। अब किसान इसको लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठक कर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं। जल्द ही कोई निर्णय किया जाएगा।
सरकार ने दिया है MSP पर समिति बनाने का आश्वासन
NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार ने किसानों को एक आश्वासन पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर निर्णय के लिए एक समिति बनाएगी और इसमें किसान और कृषि वैज्ञानिक भी शामिल होंगे। इसी तरह आंदोलन में किसानों के खिलाफ दर्ज हुए सभी मामलों को वापस लिया जाएगा, मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा भी दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने सहमति दे दी है।
बिजली संशोधन विधेयक और पराली पर दिया यह आश्वासन
सरकार ने बिजली संशोधन विधेयक को पेश किए जाने से पहले सभी संबंधित पक्षों से राय करने और पराली जलाने को लेकर बनाए गए कानून की धारा 14 और 15 में आपराधिक जवाबदेही से किसानों को अलग किए जाने का आश्वासन दिया है।
समझौता होने पर की जाएगी आंदोलन के समापन की घोषणा- युद्धवीर सिंह
SKM के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा, "अगर कोई समझौता होता है, तो किसानों के सीमा से वापस जाने की संभावना है।" इसी तरह किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा, "आंदोलन के भविष्य पर बुधवार को निर्णय किया जाएगा। केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर अभी पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है। सरकार से वार्ता के लिए बनाई गई समिति अभी पूरे SKM के साथ सरकार के प्रस्ताव पर गहनता से चर्चा कर रही है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था कानूनों की वापसी का ऐलान
बता दें कि किसानों के कड़े विरोध और एक साल के किसान आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। उसके बाद कृषि मंत्रालय और उपभोक्ता मंत्रालय ने इससे संबंधित विधेयक पर काम शुरू कर दिया था। सरकार ने 29 नवंबर को संसद में कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया था और फिर 1 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उसे मंजूरी दे दी थी।
कानूनों की वापसी के बाद अन्य मांगों पर अड़े हुए हैं किसान
राष्ट्रपति द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने वाले विधेयक को मंजूरी देने के बाद किसान MSP पर कानून बनने, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, बिजली बिल और पराली बिल को निरस्त करने सहित अन्य मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि लंबित मांगे पूरी होने तक वह आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। ऐसे में किसान अभी भी सीमाओं पर डटे हुए हैं।
अमित शाह ने फोन कर दिया था वार्ता का न्यौता
इससे पहले 4 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को फोन कर वार्ता का न्यौता दिया था। उन्होंने कहा था कानूनों को वापस ले लिया गया है और सरकार अन्य मांगों समाधान खोजने के लिए गंभीर है। उन्होंने वार्ता लिए किसानों की एक समिति बनाने को कहा था। उसके बाद किसानों ने बैठक कर वार्ता के लिए युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, शिवकुमार कक्का की पांच सदस्यीय समिति गठित की थी।