किसानों का 'रेल रोको' अभियान: 293 ट्रेनों का संचालन हुआ बाधित, 43 को किया रद्द
क्या है खबर?
तीन कृषि कानूनों और लखीपमुर खीरी हिंसा के विरोध में किसानों ने सोमवार को 'रेल रोको' अभियान के तहत देशभर के कई राज्यों में ट्रेनों को रोका।
इस दौरान कुल 184 जगहों पर 293 ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ। इसी तरह रेलवे प्रशासन को 43 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। इससे यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी।
अभियान का सबसे अधिक प्रभाव पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला। अन्य राज्यों में आंशिक प्रभाव दिखाई दिया।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी हिंसा में हुई थी चार किसानों की मौत
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया है।
आह्वान
अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर किया था रेल रोकने का आह्वान
घटना को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने (SKM) ने गत 9 अक्टूबर को बैठक कर केंद्र सरकार से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की थी।
उस दौरान उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की भी मांग रखी थी और मांगे पूरी नहीं होने पर 18 अक्टूबर को देशभर में 'रेल रोको' अभियान चलाने का आह्वान किया था। इसी को लेकर किसान अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
शुरुआत
फिरोजपुर से हुई 'रेल रोको' अभियान की शुरुआत
SKM ने सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल रोकने का आह्वान किया था, लेकिन पंजाब के फिरोजपुर में किसानों ने सुबह 9 बजे ही रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। इसी तरह हरियाणा में भी किसान रेलवे लाइनों पर जमा रहे।
पंजाब और हरियाणा के किसानों ने भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा, हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर और श्री गंगानगर लाइनों पर जाम लगाया।
इससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
अन्य
इन राज्यों में भी देखने को मिला 'रेल रोको' अभियान का असर
किसानों के 'रेल रोको' अभियान का असर हरियाणा और पंजाब के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना आदि राज्यों में भी देखने को मिला।
ओडिशा में किसानों ने करीब 12 स्टेशनों पर 50 मिनट पर पटरियों पर प्रदर्शन किया।
राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में भी किसानों ने रेलवे ट्रैक जाम किया। इसके अलावा अन्य राज्यों में अभियान का आंशिक रूप से असर देखने को मिला है।
प्रभाव
'रेल रोको' अभियान के कारण रद्द करनी पड़ी 43 ट्रेनें
इंडिया टुडे के अनुसार, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 'रेल रोको' अभियान के कारण 184 स्थानों पर लगभग 293 ट्रेनें प्रभावित हुईं।
इनमें ज्यादातर उत्तरी क्षेत्र में थीं। इसके चलते 118 ट्रेनें गंतव्य से पहले फंसी रहीं, जबकि 43 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया।
इसी तरह एक ट्रेन का मार्ग परिवर्तित किया और 50 ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद्द किया गया।
उत्तर रेलवे मंडल में सबसे अधिक 60 ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ। ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें मोदी नगर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पर चढ़कर प्रदर्शन करते किसानों का वीडियो
#RailRoko: Agitating #farmers stop trains at Modi Nagar RailwayStation. pic.twitter.com/hjdo2tfNIK
— IANS Tweets (@ians_india) October 18, 2021
जानकारी
किसानों के विरोध में फंसी कोयले से भरी 75 मालगाड़ियां
किसानों के इस अभियान के कारण कोयले की ढुलाई वाली 75 मालगाड़ियां भी बीच में फंस गई। किसानों ने 75 मालगाड़ियों पर प्रदर्शन किया तो 150 मालगाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ। इसके चलते पावर प्लांटों को निर्धारित समय पर कोयले की आपूर्ति नहीं हो पाई।
दावा
SKM ने किया 'रेल रोको' अभियान के सफल होने का दावा
शाम 4 बजे बार किसानों ने रेलवे ट्रैक खाली कर दिए। इसके बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया।
अभियान के समापन के बाद SKM ने दावा किया कि 'रेल रोको' अभियान पूरे भारत में शांतिपूर्ण तरीके से सफल रहा है। कहीं से भी किसी भी प्रकार की हिंसा की खबरें नहीं आई है।
राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को गिरफ्तार नहीं किया जाता या वह इस्तीफा नहीं देते, किसान रणनीति बनाते रहेंगे।
कार्रवाई
कई जगहों पर रेल रोकने गए किसानों को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में रेल रोकने गए किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई।
इसके बाद पुलिस ने कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश के गुना, ग्वालियर, रीवा, बामनिया (झाबुआ) और अन्य जगहों किसानों को गिरफ्तार किया गया।
इसी तरह उत्तर प्रदेश के अध्योध्या में भी रेलवे ट्रैक जाम करने पहुंचे कई किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया। इसके विरोध में किसानों की पुुलिस से झड़प भी हुई।
परेशानी
रेलवे ट्रैक जाम होने से यात्रियों को उठानी पड़ रही है परेशानी
किसानों के रेलों को रोकने के कारण यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। बीच रास्तों में फंसी ट्रेनों में बैठे यात्रियों को घंटों तक ट्रेनों के चलने का इंतजार करना पड़ा।
इसी तरह जिन ट्रेनों को रद्द किया गया, उनके यात्रियों को सड़क मार्ग से यात्रा करने को मजबूर होना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिला और बच्चों को उठानी पड़ी।
हालांकि, कई जगहों पर फंसे यात्रियों के लिए पानी और खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई थी।