गांधी मैदान धमाके: NIA कोर्ट ने 9 दोषियों में चार को सुनाई फांसी की सजा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने बिहार की राजधानी पटना में साल 2013 में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल धमाकों के मामले में सोमवार को नौ दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया। इसमें चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसी तरह दो दोषियों को 10-10 साल कारावास और एक दोषी को साल साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने इन चार दोषियों को सुनाई फांसी की सजा
मामले में विशेष न्यायधीश गुरविंदर मल्होत्रा ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए दोषी हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज आलम को फांसी की सजा सुनाई है। इसी तरह उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को उम्रकैद तथा अहमद हुसैन और मोहम्मद फिरोज असलम को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इनके अलावा इफ्तिखार आलम को सात साल का कारावास दिया गया है।दोषियों में से पांच बोधगया धमाके मामले में उम्रकैद काट रहे हैं।
साल 2013 में पटना में हुए थे सीरियल धमाकें
27 अक्टूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। इस दौरान गांधी मैदान सहित आस-पास के क्षेत्रों में कुल सात धमाकें हुए थे। इन धमाकों में छह लोगों की मौत हो गई थी और करीब 90 लोग घायल हुए थे। 31 अक्टूबर, 2013 को NIA ने मामला अपने हाथ में लेते हुए 1 नवंबर को दिल्ली NIA थाने में इसकी अलग से FIR दर्ज की थी।
NIA ने महज एक साल में 11 अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल की थी चार्जशीट
मामले की जांच करते हुए NIA ने महज एक साल के अंदर 21 अगस्त, 2014 को एक नाबालिग सहित कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। NIA ने सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड हैदर अली और मोजिबुल्लाह को सबसे पहले गिरफ्तार किया था। बम धमाकों के बाद वह फरार होने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। इसके बाद NIA की पूछताछ में उसने जुर्म कुबूल लिया और धमाकों की पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।
NIA ने दबिश देकर किया था अन्य दोषियों को गिरफ्तार
हैदर अली की निशानदेही के बाद NIA ने कई जगहों पर दबिश देकर अन्य आरोपी नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मोहम्मद फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मोहम्मद इफ्तिकार आलम और अजहरुद्दीन कुरैसी को गिरफ्तार किया था। इनके पीछे स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया और इंडियन मुजाहिदीन की संलिप्तता का भी संदेह जताया गया था। उसके बाद से ही सभी आरोपी बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में बंद हैं।
NIA कोर्ट ने 27 अक्टूबर को नौ आरोपियों को ठहराया था दोषी
इंडिया टुडे के अनुसार, NIA ने कोर्ट ने घटना के ठीक आठ साल बाद यानि 27 अक्टूबर, 2021 को नौ आरोपियों को दोषी ठहराया था। इसके अलावा सुबूतों के अभाव में फखरुद्दीन को बरी कर दिया था। उस दौरान कोर्ट ने सजा के लिए 1 नवंबर का दिन निर्धारित किया था। इस मामले में एक अन्य नाबालिग की भी गिरफ्तारी हुई थी। जिसे किशोर न्याय बोर्ड द्वारा तीन साल की कैद की सजा पहले ही सुनायी जा चुकी है।
मामले में हुई कुल 187 लोगों की गवाही
सिरियल ब्लास्ट मामले में NIA की ओर से अब तक कुल 187 लोगों की गवाही कराई जा चुकी है। इन गवाहों के बयानों के आधार पर ही ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था। इस तरह से आठ साल पुराना मामला आखिरी पड़ाव पर पहुंचा।