सोमवार को 'रेल रोको आंदोलन' करेंगे प्रदर्शनकारी किसान, चढूनी ने सरकार को दी चेतावनी
क्या है खबर?
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान कल सोमवार को रेल रोको अभियान चलाएंगे। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने और लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर अभियान चलाया जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सभी जगहों के किसानों से इसमें शामिल होने की अपील की है। ये अभियान छह घंटे चलेगा।
चेतावनी
चढूनी की सरकार को चेतावनी- धैर्य की परीक्षा न ले
हरियाणा के रोहतक में आयोजित किसान महापंचायत में चढूनी ने सरकार को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सहनशीलता की भी एक सीमा होती है और सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले।
उन्होंने कहा, "सरकार अगर ये सोचे कि हम डरे हुए बैठे हैं, धरने पर आगे नहीं बढ़ रहे तो हम सब कुछ करना जानते हैं। 26 जनवरी को देख लिया होगा। हम बस शांति बनाए रखना चाहते हैं।" उन्होंने किसानों से हिंसा न करने की अपील की।
हमला
चढूनी ने हरियाणा सरकार और खट्टर पर भी साधा निशाना
चढूनी ने हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार ने कई लोगों के सिर फोड़ दिए और कई लोगों की हड्डियां तोड़ दीं। कई सौ लोगों पर मुकदमे कर दिए गए... हरियाणा सरकार का मुख्यमंत्री कहता है, लठ उठा लो। ये संयोग नहीं है, अचानक नहीं है। हरियाणा का मुख्यमंत्री जिन दिन कहता है कि लठ उठा लो, उत्तर प्रदेश में उसी दिन सरकारी गुंडों द्वारा किसानों को कुचल दिया जाता है।"
सलाह
हाथ उठाया तो आम जनमानस हमारे खिलाफ हो जाएगा- चढूनी
चढूनी ने आगे कहा, "(सरकार) हमारे सब्र का इम्तिहान न ले। लेकिन फिर भी हम अपने भाइयों को समझा देना चाहते हैं कि हमें हाथ नहीं उठाना है। सरकार मारेगी, लठ मारेगी, डंडे मारेगी, जेलों में भी ले जाएगी। हम सरकार का हर जुल्म सहेंगे। हमें हाथ नहीं उठाना है। अगर हमने हाथ उठा लिया तो ये कहीं जाति में फंसाएंगे, कहीं धर्म में फसाएंगे। यदि हमने हाथ उठा लिया तो आम जनमानस हमारे विरुद्ध हो जाएगा।"
पृष्ठभूमि
पिछले साल नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं किसान
बता दें कि देशभर के किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पिछले साल नवबंर से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए हैं।
इस दौरान सरकार और उनके बीच कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन इनमें कोई नतीजा नहीं निकला।
किसानों का कहना है कि सरकार कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देेने वाला कानून बनाए, वहीं सरकार केवल संशोधन को तैयार है।
विवादित कानून
क्या हैं विवादित कृषि कानून?
दरअसल, मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन नए कृषि कानून लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।