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    सीमा विवाद: केंद्र का दखल, असम सुप्रीम कोर्ट जाने तो मिजोरम शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में

    सीमा विवाद: केंद्र का दखल, असम सुप्रीम कोर्ट जाने तो मिजोरम शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में
    लेखन प्रमोद कुमार
    Jul 28, 2021, 10:52 am 1 मिनट में पढ़ें
    सीमा विवाद: केंद्र का दखल, असम सुप्रीम कोर्ट जाने तो मिजोरम शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में
    सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने असम और मिजोरम

    असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेकों को दिल्ली बुलाया है। यहां दोनों राज्यों के बीच बने तनाव को कम करने की कोशिशें की जाएंगी। असम ने जहां इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का संकेत दिया है, वहीं मिजोरम ने विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

    सोमवार को भड़की थी हिंसा

    सोमवार को असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और सरकारी वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया। हिंसा के बीच हुई फायरिंग में असम पुलिस के छह जवानों की भी मौत हो गई थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। इसके बाद गृह मंत्री ने दोनों मुख्यमंत्रियों से बात की।

    सीमा पर 4,000 कमांडो तैनात करेगा असम

    केंद्र की तरफ से दखल देने के बाद असम के असम सरकार ने मिजोरम के साथ लगती 165 किमी लंबी सीमा पर 4,000 कमांडो तैनात करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी ताकि विवादित क्षेत्र में मौजूद आरक्षित वन क्षेत्र सुरक्षित रहे और वहां कोई अतिक्रमण न हो सके। उन्होंने कहा कि वो मिजोरम के लोगों के खिलाफ नहीं है और न ही आर्थिक गतिविधियों पर कोई रोक लगाएंगे।

    सरमा बोले- यह जमीन नहीं, जगंल से जुड़ा मुद्दा

    सरमा ने कहा कि यह कोई 'राजनीतिक मुद्दा' न होकर सीमा विवाद है, जो पहले से चले आ रहा है। यह आरक्षित वन क्षेत्र से जुड़ा मामला है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इस इलाके में सड़क बनाई जा रही है और यहां पेड़ काटे जा रहे हैं। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि यह जमीन से नहीं बल्कि जंगल से जुड़ा मुद्दा है। असम जंगल बचाना चाहता है।

    मिजोरम ने कही शांतिपूर्ण समाधान की बात

    सरमा का यह बयान मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने असम पुलिस पर 'बलपूर्वक' तरीके से सीमा पार कर मिजोरम पुलिस की चौकी को नष्ट करने का आरोप लगाया था। लालचमलियाना ने इसे 'मिजोरम की सीमा में अतिक्रमण और आक्रमण' करार देते हुए असम से विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल माहौल बनाने की अपील की थी। उन्होंने हिंसा में हुए नुकसान को लेकर खेद प्रकट किया था।

    क्या है ताजा विवाद की जड़?

    बता दें कि मिजोरम के आईजोल, कोलासिब और मामित जिले असम के कछार और हैलाकांडी जिलों के साथ अंतर-राज्यीय सीमा साझा करते हैं। यहां लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। मिजोरम ने 30 जून को असम पर कोलासिब जिले में अतिक्रमण का आरोप लगाया था। उसके बाद असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर हैलाकांडी जिले में 10 किलोमीटर तक अतिक्रमण का आरोप लगा दिया। उसके बाद से मौके पर असम पुलिस तैनात है।

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