असम-मिजोरम सीमा हिंसा: पांच पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद केंद्र ने नियंत्रण में बताई स्थिति

असम-मिजोरम सीमा पर अतिक्रमण को लेकर चल रहे विवाद ने सोमवार को हिंसा का रूप ले लिया। कछार जिले में हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों पक्षों की ओर से फायरिंग कर दी गई। इसमें असम पुलिस के पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए। मामले में मंगलवार को विपक्ष के हमलावर होने के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि मौके पर स्थित नियंत्रण में हैं और वहां पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की तैनाती की गई है।
बता दें कि मिजोरम के आईजोल, कोलासिब और मामित जिले असम के कछार और हैलाकांडी जिलों के साथ अंतर-राज्यीय सीमा साझा करते हैं। यहां लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। मिजोरम ने 30 जून को असम पर कोलासिब जिले में अतिक्रमण का आरोप लगाया था। उसके बाद असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर हैलाकांडी जिले में दस किलोमीटर तक अतिक्रमण का आरोप लगा दिया। उसके बाद से मौके पर असम पुलिस तैनात है।
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने 12 जुलाई को विधानसभा में मिजोरम के लोगों पर असम के तीन जिलों की करीब 1,800 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि सबसे ज्यादा हैलाकांदी जिले में 1,000 हैक्टेयर में अतिक्रिमण है। इसी तरह कछार में 400 हेक्टेयर और करीमगंज में 377.58 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रिमण है। इसके बाद असम सरकार ने मिजोरम के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।
मिजोरम सरकार ने कहा था कि असम सरकार उनकी जमीर पर अवैध दावा कर रही है। इन सीमावर्ती गांवों में 100 साल से ज्यादा समय से मिजो लोग रह रहे हैं। राज्य ने असम की सीमा में एक इंच का भी अतिक्रमण नहीं किया है।
सीमा पर स्थित जिलों से अतिक्रमण हटाने के लिए असम पुलिस ने 23 जुलाई को डेरा डाल दिया था। मिजोरम के लोगों ने इसका विरोध किया था। पुलिस के कछार में कार्रवाई शुरू करते ही लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थिति फायरिंग तक पहुंच गई। इसमें असम पुलिस के पांच जवान शहीद हो गए। इतना ही नहीं हिंसा में करीब 50 लोग भी घायल हुए हैं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
इस संघर्ष को लेकर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग भी देखने को मिली। सबसे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने हिंसा का वीडियो पोस्ट करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की। इसके बाद असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि कोलासिब के SP पीछे हटने को कह रहे हैं। उन्होंने ऐसा नहीं करने तक हिंस नहीं रुकने की बात कही है। इस तरह वह कैसे सरकार चलाएंगे।
दोनों राज्यों के बीच खूनी संघर्ष और मुख्यमंत्रियों की बहस को देखते हुए गृह मंत्री शाह ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों मुख्यमंत्रियों से वार्ता की। इसमें उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों से सीमा पर शांति बनाने के प्रयास करने की अपील की। उसके बाद मुख्यमंत्री सरमा ने लिखा, 'मैंने अभी-अभी मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगाजी से बात की है। मैंने कहा है कि असम हमारे राज्य की सीमाओं के बीच यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा।'
मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, 'असम-मिजोरम सीमा पर बेरोकटोक हिंसा को देखकर मैं हैरान और स्तब्ध हूं। मेरी शोक संवेदना अपनों को खोने वाले परिजनों के प्रति हैं। भाजपा के शासनकाल में हिंसा की ऐसी घटनाएं देश में लोकतंत्र की मृत्यु का न्योता दे रही हैं।' इसी तरह RJD के सांसद मनोज झा ने भी हमला बोला है।
मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार बयान जारी करते हुए असम-मिजोरम सीमा पर स्थिति को नियंत्रण में बताया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वह हालात पर नजर जमाए हुए हैं और दोनों पक्षों पर नजर रखने के लिए CRPF के जवानों की तैनाती की गई है। फिलहाल स्थित नियंत्रण में है। असम के मुख्यमंत्री और मिजोरम के गृह मंत्री लालचामलिना मंगलवार को सीमा क्षेत्र का दौरा कर शांति का प्रयास करेंगे।
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने सोमवार रात को एक वीडियो ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा कि असम के पुलिसकर्मियों को मारकर मिजोरम की पुलिस और उपद्रवी जश्न मना रहे हैं। वीडियो में मिजोरम पुलिस के जवान एक-दूसरे को बधाई देते दिख रहे हैं।
After killing 5 Assam police personnel and injuring many , this is how Mizoram police and goons are celebrating.- sad and horrific pic.twitter.com/fBwvGIOQWr
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 26, 2021