#NewsBytesExclusive: पुरुष नपुंसकता के क्यों बढ़ रहे मामले? गायनेकोलॉजिस्ट से जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज
अमूमन लोग बच्चा न होने का जिम्मेदार महिला को ठहराते हैं, लेकिन इसका कारण पुरुष भी हो सकते हैं। आजकल पुरुष नपुंसकता यानी मेल इनफर्टिलिटी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, नपुंसकता से दुनियाभर के लगभग 7 प्रतिशत पुरुष प्रभावित हैं। इस गंभीर विषय को जब न्यूजबाइट्स हिंदी ने गायनेकोलॉजिस्ट डॉ सुरभि रुस्तगी से विशेष बातचीत की और उन्होंने इसके कारण, लक्षण और बचावों के बारे में विस्तार से बताया।
पुरुष नपुंसकता क्या है?
डॉ सुरभि के मुताबिक, "अगर कोई पुरुष एक साल या इससे अधिक समय तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बावजूद महिला को गर्भधारण कराने में असफल होता है तो इस स्थिति को पुरुष नपुंसकता कहा जाता है।"
पुरुषों में नपुंसकता के क्या हैं कारण?
डॉ सुरभि ने बताया कि अगर पुरुष नपुंसकता के कारण पता चल जाए तो इसका सटीक इलाज करना काफी आसान हो सकता है। उनके अनुसार, पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी या उनकी गुणवत्ता खराब होना नपुंसकता का कारण बनता है। शुक्राणु की गति, वास-डेफेरेंस, एंडोक्राइन सिस्टम में खराबी और आनुवंशिकता भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। गुप्तांगों में संक्रमण, तनाव और नशीले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी पुरुष नपुंसकता का खतरा बढ़ा सकते हैं।
पुरुष नपुंसकता की ओर इशारा करते हैं ये लक्षण
डॉ सुरभि ने बताया कि पुरुष में यौन इच्छा में कमी, कम मात्रा में शुक्राणु का उत्पादन होना, चेहरे और शरीर पर बालों का कम होना इसके लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि हार्मोंनल असंतुलन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या, अंडकोष के आसपास के हिस्से में गांठ, टेस्टिस में दर्द और सूजन होना भी पुरुष नपुंसकता से जुड़े शारीरिक संकेत हैं। अगर ऐसे लक्षण महसूस हो तो तुरंत ही किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पुरुष नपुंसकता का पता लगाने के लिए कौनसे टेस्ट कराने चाहिए?
इस बारे में डॉ सुरभि का कहना है कि पुरुष को नपुंसकता का पता लगाने के लिए यौन रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। वह शारीरिक जांच के बाद आपको इसका इलाज बता सकते हैं। इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर स्पर्म टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त वह स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड, हार्मोंनल टेस्ट, टेस्टिकुलर बायोप्सी और यूरिनालिसिस टेस्ट कराने को भी कह सकते हैं। इन टेस्ट के बाद कारणों का पता लगाना आसान हो जाता है।
क्या पुरुष नपुंसकता का इलाज संभव है?
डॉ सुरभि के अनुसार, "महिला बांझपन की तरह पुरुष नपुंसकता का इलाज उनके कारण, अवधि और उम्र पर निर्भर करता है।" डॉ सुरभि ने बताया कि कुछ एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज की शुरूआत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त यौन रोग विशेषज्ञ आपको विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट (IVF) और इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) जैसे इलाज के विकल्प भी दे सकते हैं, वहीं आप चाहें तो सरोगेसी की प्रक्रिया को भी अपना सकते हैं।
नपुंसकता के इलाज में कितना खर्च आता है?
डॉ सुरभि ने बताया, "अगर डॉक्टर किसी पुरुष को विट्रो फर्टिलाइजेशन ट्रीटमेंट कराने या इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन की प्रक्रिया अपनाने की सलाह देते हैं तो इसके लिए 1.25 से 2.5 लाख रुपये तक खर्च आ सकता है।" उन्होंने आगे बताया कि पुरुष नपुंसकता का इलाज इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के सेंटर का चयन और डॉक्टर से संपर्क करते हैं। ऐसे में इसके उपचार का खर्च स्थायी नहीं है।
क्या घरेलू नुस्खों से दूर हो सकती है नपुंसकता?
इस संबंध में डॉ सुरभि का कहना है कि पुरुष नपुंसकता का खतरा कम करने या फिर इससे राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खों को भी अपनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे कई घरेलू नुस्खे हैं, जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इनमें योग और संतुलित आहार भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, अगर आप किसी सामग्री का इस्तेमाल बतौर घरेलू नुस्खा करने वाले हो तो पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
पुरुषों को नपुंसकता से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
डॉ सुरभि ने बताया कि अगर पुरुष अपनी जीवनशैली में बदलाव करे तो काफी हद तक उनकी प्रजन्न क्षमता में सुधार हो सकता है। उदाहरण के लिए संतुलित खान-पान पर ध्यान दिया जाना चाहिए, नशीले पदार्थों से दूरी बनाए और अधिक एंटीबायोटिक्स खाने से बचें। उन्होंने बताया कि पुरुषों को बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज के साथ योग भी करना चाहिए और तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन का अभ्यास भी कर सकते हैं।
डॉ सुरभि को है 20 साल से अधिक का अनुभव
डॉ सुरभि वर्तमान में दिल्ली के दिव्य प्रस्थ अस्पताल में कार्यरत है। उन्हें गाइनेकोलॉजी क्षेत्र में 20 साल से अधिक का अनुभव है। वह इनफर्टिलिटी और उच्च जोखिम गर्भावस्था प्रबंधन से जुड़े विषयों की विशेषज्ञ हैं और इस क्षेत्र में कई गंभीर मामलों का समाधान कर चुकी हैं। उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए गोल्ड मेडल के साथ-साथ कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं।