दिल्ली में मंकीपॉक्स ने दी दस्तक, 31 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि
केरल के बाद अब दिल्ली में भी मंकीपॉक्स की एंट्री हो गई है। पश्चिमी दिल्ली के एक 31 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। इस मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि संक्रमित व्यक्ति को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। बुखार और त्वचा पर चकते होने की शिकायत के संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं। साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।
दिल्ली का पहला और देश का चौथा मामला
दिल्ली में यह मंकीपॉक्स का पहला, जबकि देश का चौथा मामला है। अभी से पहले केरल में इसके तीन मामले सामने आए हैं। मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को सामने आया, जब तब कोल्लम के रहने वाले 35 वर्षीय शख्स को इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। फिर 18 जुलाई को कन्नूर के एक और व्यक्ति और 22 जुलाई को तीसरे शख्स में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। ये सभी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे थे।
गाइडलाइंस जारी कर चुका है स्वास्थ्य मंत्रालय
दुनियाभर के देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रसार के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जून में ही मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइंस जारी कर चुका है। इनमें बीमारी की निगरानी, पहचान, पुष्टि और इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि संदिग्ध मरीजों में PCR टेस्ट (संक्रमण की पुष्टि के लिए किए जाने वाला टेस्ट) या सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही बीमारी की पुष्टि की जाएगी।
WHO ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर दिया है। इसका ऐलान करते हुए WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा, "हमारे सामने एक प्रकोप है जो नए-नए तरीकों से दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। इसके बारे में हमें बहुत कम पता है। इसलिए हमने फैसला किया है कि मंकीपॉक्स को 'वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित किया जाए।" पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) WHO का उच्चतम स्तर का अलर्ट है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।