विश्व कैंसर दिवस: पुरूषों को इन चार तरह के कैंसर से होता है सबसे ज्यादा खतरा
दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरुक करना है। कैंसर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और शरीर के अन्य अंगों में फैलने लगती हैं। कहा जाता है कि कैंसर दुनियाभर में अप्राकृतिक मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। चलिए फिर आज हम आपको बताते हैं कि पुरूषों को आमतौर पर किस-किस के कैंसर से अधिक खतरा रहता है।
प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर मध्यम आयु वर्ग से लेकर अधिक उम्र के पुरुषों को होता है। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्लैंड्स के टिश्यूज में विकसित होता है और इससे मूत्र प्रणाली के कार्यों पर नकारात्मक असर पड़ता है। प्रोस्टेट कैंसर की शुरूआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ता जाता है, हड्डियों में दर्द, मूत्रमार्ग से खून आना और यूरीन पास होने में दिक्कत होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसा लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
लिवर कैंसर
दुनियाभर में लिवर कैंसर चौथी सबसे बड़ी बीमारी है। आमतौर पर लिवर सिरोसिस के एडवांस्ड स्टेज में इसका पता चलता है और तब तक यह जानलेवा बन चुका होता है। इस कैंसर के लक्षणों के बात करें तो इसमें पीलिया, भूख में कमी और पेट दर्द आदि शामिल हैं। हालांकि स्वस्थ जीवनशैली, डॉक्टरी जांच और खुद को हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से संक्रमित होने से बचाने जैसे निवारक उपायों से लिवर कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
कोलोरेक्टल कैंसर
आंत और मलाशय के कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर कहते हैं और यह मुख्य रूप से अधिक आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। इसलिए 50 से अधिक आयु वर्ग के पुरुषों को यह सलाह दी जाती है कि वे हर 5 से 10 साल में कोलोरेक्टल की जांच करवाएं और उचित इलाज सुनिश्चित करें। इस कैंसर में कब्ज, पेट दर्द, बार-बार शौच जाना या इसकी इच्छा होना और मल में खून आना जैसे लक्षण सामने आते हैं।
फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान को माना जाता है, लेकिन धूम्रपान न करने वालों को भी यह कैंसर अपनी चपेट में ले सकता है क्योंकि इस कैंसर की वजह ध्रूमपान के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषण और खतरनाक कार्सिनोजेनिक यौगिकों के संपर्क में आना भी हो सकता है। फेफड़ों के कैंसर के सामान्य लक्षणों में खांसी आना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, गला बैठना, थूक में बदलाव और खून का जमाव आदि शामिल हैं।