#NewsBytesExclusive: गर्मी की लहर और दिल के दौरे का क्या संबंध है? कार्डियोलॉजिस्ट से जानिए
दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में बढ़ती गर्मी के कारण तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है। इस स्थिति ने कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा दिया है और ऐसा कहा जा रहा है कि बढ़ता तापमान दिल के दौरे का भी कारण बन सकता है। इस विषय पर जब न्यूजबाइट्स हिंदी ने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रजत गुप्ता से कुछ सवाल किए तो उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें बताई।
क्या गर्मी से हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है?
डॉ रजत ने हमें बताया, "गर्म और आर्द्र दिनों में दिल ठंड के दिनों की तुलना में हर मिनट में 2 से 4 चार गुना ज्यादा खून संचारित करता है। इससे हृदय पर अत्यधिक तनाव पड़ता है और इस कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है।" उन्होंने आगे कहा, "अधिकतर हृदय संबंधी समस्याओं को भी लोग लू के लक्षण समझ लेते हैं, जबकि गर्मी के संपर्क में रहने से हृदय रोगियों की समस्या ट्रिगर हो सकती है।"
क्या हृदय से जुड़ी समस्याओं का कारण गर्मी हो सकती है?
डॉ रजत ने इसका जवाब देते हुए कहा, "अधिक तापमान के संपर्क में आने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ने और डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ सकती है, जो ब्लड सर्कुलेशन को कमजोर कर सकती है और खून को गाढ़ा कर सकती है। इस स्थिति में हृदय के लिए प्रभावी ढंग से पंप करना कठिन हो जाता है, जिससे कुछ लोगों को लो ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ सकता है।"
क्या गर्मी से दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है?
डॉ रजत का कहना है, "कुछ दिनों तक लगातार गर्मी के संपर्क में रहने से दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु होने की संभावना 18 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। यही कारण है कि गर्मियों के दौरान दिल का दौरा पड़ने और हार्ट फेल के मामलों में वृद्धि देखने को मिलती है।" उन्होंने आगे कहा, "इन रोगों के पीछे मुख्य कारक हीट स्ट्रेस, डिहाड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन, बहुत ज्यादा हाई इंटेंसिटी वर्कआउट और ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित हो सकता है।"
ऐसे क्या लक्षण हैं जो दिल के दौरे की तरफ संकेत देते हैं?
डॉ रजत ने कहा, "दिल के दौरे से जुड़े संकेतों से अवगत रहें, जिसमें सीने में दर्द, बैचेनी, सांस लेने में तकलीफ, मतली, चक्कर आना और शरीर के ऊपरी हिस्से (जबड़े, गर्दन, पीठ और हाथ) में तेज दर्द होना शामिल है।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करता है तो वह तुरंत चिकित्सा सहायता ले क्योंकि इससे वह किसी बड़े खतरे से बच सकता है।
गर्मियों में माइनर दिल के दौरे वाले लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डॉ रजत का कहना है, "बढ़ते तापमान के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षित रहने के लिए लोग मौसम के पूर्वनुमानों का पालन करें, अधिक तापमान होने पर घर से बाहर न निकलें, कूलर और एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करके आसपास के माहौल को ठंडा रखें, मौसम के हिसाब से कपड़े पहनें और भरपूर स्वास्थ्यवर्धक तरल पदार्थों का सेवन करें।" उन्होंने यह भी सलाह दी कि पैदल चलते समय व्यस्त मार्गों का चयन न करें और हल्के वर्कआउट को चुनें।
गर्मियों मे हृदय रोगियों को दवा लेते समय बरतनी चाहिए सावधानी- डॉ रजत
डॉ रजत ने इस बात पर खास जोर देते हुए कहा, "हृदय की मदद के लिए बनाई गई कुछ दवाइयां गर्मी के दिनों में समस्याएं बढ़ा सकती हैं। जैसे कि बीटा ब्लॉकर्स दिल की धड़कन को धीमा कर सकती है और खून को तेजी से प्रसारित करके हृदय की कार्यक्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से ऐसी दवा के विकल्प पूछें और पानी के सेवन पर अतिरिक्त ध्यान दें।"
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान कैसा होना चाहिए?
डॉ रजत के अनुसार, "डिहाइड्रेशन से हृदय पर दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए पूरे दिन में खूब पानी पिएं, खासकर जब आप बाहर या शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों। साथ ही कैफीन और मादक पदार्थों से दूरी बनाएं।" उन्होंने आगे कहा कि पानी और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें और तेज मिर्च मसाले से भरपूर खाने से परहेज करें।
गर्मियों में हृदय को प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के लिए एक्सरसाइज कैसे करनी चाहिए?
डॉ रजत ने कहा, "दिन के सबसे गर्म समय में तेजी से की जाने वाली एक्सरसाइज करने से बचें और एक्सरसाइज के लिए सुबह या शाम का समय चुनें क्योंकि तब थोड़ी ठंडक होती है। इसके अतिरिक्त शरीर अगर असहज महसूस करें तो ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज न करें।" उन्होंने आगे कहा कि तनाव भी हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए इसे मेडिटेशन जैसी तकनीकों से नियंत्रित करने की कोशिश करें।
कार्डियोलॉजी में DM हैं डॉ रजत
डॉ रजत गुप्ता वर्तमान में राजस्थान की राजधानी जयपुर के कृष्णा हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत है। उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने कार्डियोलॉजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (DM) किया हुआ है और वह हृदय स्वास्थ्य से जुड़े कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए अब तक कई प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।