#NewsBytesExclusive: गर्भावस्था में महिलाओं को कैसा व्यायाम करना चाहिए? जानिए विशेषज्ञ की राय
कई अभिनेत्रियां अपनी गर्भावस्था में आसनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं, जिससे लोग प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था में बिना परामर्श लिए व्यायाम नहीं करना चाहिए। हर व्यक्ति की क्षमता अलग होती हैं, इसलिए विशेषज्ञ उनकी क्षमताओं के मुताबिक सलाह देते हैं। किसी के देखा-देखी में आसन करने पर गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। इस बारे में हमने ओशोधारा की योग और प्राणायाम विशेषज्ञ मुस्कान से बातचीत की। जानिए उन्होंने क्या कुछ बताया।
गर्भावस्था में आसन करते दिखी थीं ये सेलिब्रिटी
अनुष्का शर्मा और विराट कोहली हाल ही में एक बच्ची के माता-पिता बने हैं। इससे पहले अनुष्का को उनकी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में इन्वर्जन एक्सरसाइज करते देखा गया था। अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अनुष्का ने लिखा था कि विशेषज्ञ की देखरेख में वह गर्भावस्था में व्यायाम कर रही हैं। वहीं, हाल ही में मशहूर अभिनेत्री करीना कपूर को भी प्रेग्नेंसी में व्यायाम करते देखा गया है। वह जल्द ही मां बनने वाली हैं।
किस प्रकार के आसनों का अभ्यास गर्भवतियों को नहीं करना चाहिए?
प्राणायाम विशेषज्ञ मुस्कान ने हमें बताया कि गर्भवती महिलाएं कपालभाति प्राणायाम न करें। इसका अभ्यास करने के दौरान जब हम सांसों को बाहर फेंकते हैं, तो नाभि पर झटके लगते हैं। इससे प्री-मेच्योर बेबी पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है। इन्हीं झटकों से बचाव के लिए गर्भवतियों को यात्रा से परहेज करने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा भारी व्यायाम बिल्कुल न करें, जिससे पेट पर दबाव बढ़ता हो। वेट लिफ्टिंग जैसे व्यायाम इस अवस्था में वर्जित हैं।
व्यायाम या आसन करते वक्त किन बातों का ख्याल रखें?
एक्सरसाइज रूटीन बनाने से पहले विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें। व्यायाम शुरू करने से पहले वॉर्म अप करें, जिससे शरीर का तापमान एडजस्ट हो सके। व्यायाम करते समय शरीर को हाइड्रेटेड रखें और जरूरत पड़ने पर ब्रेक लें। भोजन लेने के तुरंत बाद व्यायाम या आसन न करें। कभी जबरदस्ती अपने सांस को रोकने की कोशिश न करें। खान-पान पर ध्यान दें और समय-समय पर डॉक्टर से अपना हेल्थ चेकअप करवाएं। ब्लड प्रेशर के मरीज ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।
ऐसे आसन जिसमें किसी विशेषज्ञ की सलाह की जरूरत नहीं होगी?
गर्भावस्था में हल्के और सूक्ष्म व्यायाम करें। गर्भवती हमेशा डीप ब्रीदिंग कर सकती हैं। लंबे और गहरे सांस लें और उसे कुछ देर के बाद छोड़ें। इससे मन शांत होगा और तनाव कम होगा। अनुलोम-विलोम प्राणायाम इस अवस्था में फायदेमंद होता है। इससे हॉर्मोन संतुलित होते हैं और आंखों की रोशनी बढ़ती है। आमतौर पर गर्भवती मूड स्विंग की समस्या से परेशान रहती हैं। यह प्राणायाम हॉर्मोन को संतुलित करता है, जिससे गर्भवतियों को मूड स्विंग से निजात मिलती है।
आसन करने वाली गर्भवती महिलाएं क्या-क्या सावधानियां बरतें?
गर्भवती आगे झुकने वाली क्रियाएं और जंपिंग वगैरह न करें। आगे या पीछे झुकने वाले व्यायाम और भारी आसनों से परहेज जरूरी है। इस अवस्था में उल्टा व्यायाम भी नहीं करना चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार ही व्यायाम करें। कमजोरी या थकावट होने पर तुरंत आसन करना छोड़ दें। खान-पान में लापरवाही न बरतें। वजन कम करने के लिए हॉट योगा न करें। इसमें कमरे का तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस बढ़ाकर योगाभ्यास किया जाता है। इससे स्वास्थ्य को नुकसान होगा।
ये आसन हैं नॉर्मल डिलीवरी में मददगार
अपान मुद्रा का अभ्यास 9वें महीने की गर्भावस्था में ही करें। इससे पहले इसका अभ्यास वर्जित है। इससे नॉर्मल डिलिवरी की संभावना बढ़ जाती है। इस आसन में दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और इसके बाद अंगूठे के ऊपरी छोर को मिडिल और रिंग फिंगर से टच करें। अब इंडेक्स और लिटिल फिंगर को पूरा खींचें। इसके बाद आंखों को बंद रखें और धीरे-धीरे सांस लें। अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करें और इसे 5-10 बार दोहराएं।
गर्भावस्था के अंतिम माह में यह आसन भी है कारगर
इसमें पीठ के बल लेट जाएं और बांह को दोनों ओर पैर की दिशा में फैलाकर रखें। इस अवस्था में हथेलियों को आकाश की दिशा में रखें। अब घुटनों को मोड़ें और तलवों को जमीन से लगाकर रखें। अब दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाएं। जितना संभव हो, एड़ियों को हिप्स के करीब लाएं। इस अवस्था में लगभग एक मिनट रहें। अब हाथों से दोनों हिप्स को दबाएं और सामान्य स्थिति में आ जाएं।