गर्मियों में रोजाना सुबह 100 ग्राम फालसा खाने से मिल सकते हैं कई स्वास्थ्य लाभ
फालसा को भारतीय शर्बत बेरी के नाम से भी जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम ग्रेविया एशियाटिका है। अगर आप रोजाना सुबह 100 ग्राम फालसा खाते हैं तो इससे लगभग 50-60 कैलोरी, 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम फाइबर, 1 ग्राम प्रोटीन, 30 मिलीग्राम कैल्शियम और 27.10 मिलीग्राम आयरन और कई विटामिन्स मिल सकते हैं। ऐसे में अगर आप किसी भी तरह से फालसे को डाइट को शामिल करते हैं तो कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आइए फायदे जानें।
हाइड्रेशन देने में है मदद
फालसा पानी से भरपूर फल है, जो गर्म और आर्द्र वातावरण से शरीर को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है और अब तो भीषण गर्मी से निपटने के लिए डाइट में ऐसी ही खान-पान की चीजों को शामिल करना आवश्यक हो गया है। रोजाना फालसा का सेवन करने से पेट को ठंडक भी मिल सकती है, जिससे पाचन से जुड़ी कई समस्याओं से बचाव हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य के लिए है अच्छा
फालसा में थ्रेओनीन और मेथिओनाइन नामक अमीनो एसिड का स्तर अधिक होता है, जो हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, पोटेशियम और फास्फोरस जैसे आवश्यक खनिजों और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। ये गुण दिल के दौरे और अन्य हृदय रोगों से भी बचाता है और इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट खून को भी शुद्ध करता है।
मधुमेह के प्रबंधन में है मददगार
फालसा एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फल है, जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा बनाता है। यह आपके ब्लड शुगर के स्तर में अनावश्यक स्पाइक्स का कारण नहीं बनता है , जिससे यह मधुमेह के प्रबंधन में मदद कर सकता है। हालांकि, मधुमेह रोगी फालसा से बनाए जाने वाले व्यंजनों के लिए चीनी का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे उनकी समस्या ट्रिगर हो सकती है।
जोड़ों का दर्द दूर करने में है कारगर
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर फालसा हड्डियों के दर्द से राहत दिलाने में अत्यधिक प्रभावी माने जाते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस जैसी समस्याओं का भी इलाज करता है और जोड़ों की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त इस फल में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को भी मजबूत और स्वस्थ बनाता है। जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने करने के लिए रोजाना सुबह फलासा खाना लाभदायक हो सकता है।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में है सहायक
शरीर में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है और यह खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करता है, जिससे शरीर को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है। अगर मेटाबॉलिज्म तेज होगा तो न सिर्फ जल्दी कैलोरी खपत होगी, बल्कि इससे बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में भी फालसा मदद कर सकता है क्योंकि यह फाइबर और विटामिन-C से भरपूर होता है।