इस बार पड़ेगी अधिक गर्मी, बाहर काम करने वाले मजदूरों पर असर को लेकर चिंता
भारतीय मौसम विभाग ने इस साल अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान रहने का अनुमान जताया है। इसका असर दिखना शुरू हो गया है और मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने लगा है। इसे देखते हुए शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बार गर्मी खेती, निर्माण और अन्य बाहरी कार्यों में लगे मजदूरों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इससे बचने के लिए उन्होंने काम के कम घंटे और विश्राम जैसे उपाय सुझाए हैं।
"उमस भरी गर्मी हो सकती है जानलेवा"
IIT गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग एंड अर्थ साइसेंस के प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा कि शुष्क गर्मी को झेलना आसान है। इसमें पानी पीते ही शरीर ठंडा हो जाता है, लेकिन जब उमस वाली गर्मी होती है तो वाष्णीकरण कम हो जाता है और इससे शरीर को ठंडा होने में समय लगता है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मौसम में शारीरिक श्रम करने से शरीर का तापमान ऐसे स्तर पर पहुंच जाता है, जहां मौत भी हो सकती है।
एशिया और अफ्रीका में सबसे ज्यादा असर होगा
लगातार बढ़ती उमस का सबसे ज्यादा असर अफ्रीका और एशिया में देखने को मिलेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह यहां की विशाल कामकाजी जनसंख्या है और भविष्य में खेती और वानिकी की मांग बढ़ने के साथ इसका असर और गंभीर होता जाएगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब तक बड़े कदम नहीं उठाए जाएंगे, मजदूरों की मुश्किलें बढ़ती जाएंगी। इन कदमों में बाहर काम करने के सीमित घंटे और अनिवार्य विश्राम आदि शामिल हैं।