NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / एक्सक्लूसिव खबरें / #NewsBytesExclusive: ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी से खास बातचीत
    अगली खबर
    #NewsBytesExclusive: ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी से खास बातचीत

    #NewsBytesExclusive: ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी से खास बातचीत

    लेखन मोहम्मद वाहिद
    Mar 08, 2020
    02:28 pm

    क्या है खबर?

    "12 साल की उम्र में मैंने दूसरी लड़कियों को देखकर जब वेटलिफ्टिंग करने की सोची, तो मुझसे कहा गया कि तुम दुबली-पलती हो तुमसे यह नहीं होगा। इसके बाद मैंने ठान लिया कि मुझे वेटलिफ्टिंग में ही भारत को मेडल जिताना है।"

    ये शब्द हैं 2000 सिडनी ओलंपिक में भारत को वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जिताने वालीं कर्णम मल्लेश्वरी के। मल्लेश्वरी ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

    पढ़िए मल्लेश्वरी से उनके जीवन पर हमारी खास बातचीत।

    शुरुआत

    ट्रॉयल देखने पहुंची मल्लेश्वरी का राष्ट्रीय कैंप में हुआ चयन

    मल्लेश्वरी ने बताया कि वे आंध्र प्रदेश की टीम का एक फ्रेंडली मैच देखने गईं थीं और वहीं उनका चयन राष्ट्रीय कैंप में हुआ।

    उन्होंने बताया, "मैं उस वक्त दूसरों को प्रैक्टिस करते देख उनसे सीखती थी। जब मैं आंध्रा की टीम का कंप्टीशन देख रही थी, तभी रूसी मूल के कोच ने मुझसे बातचीत की। जब मैंने उन्हें अपना हुनर दिखाया तो उन्होंने उसी वक्त पंजाब के कोच सलमान से कहा यह लड़की मुझे राष्ट्रीय कैंप में चाहिए।"

    बयान

    रूस मूल के कोच ने मेरी काफी तारीफ की- मल्लेश्वरी

    मल्लेश्वरी ने कहा, "कोच ने बेंगलुरु के डायरेक्टर मिस्टर प्रसाद से बोला कि इस लड़की में बहुत क्षमता है। ये भारत की बहुत अच्छी वेटलिफ्टर बन सकती है, आप इसे रख लो। मैं इसे प्रशिक्षण दूंगा। ये सुनकर सभी काफी चौंके थे। "

    राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप

    1991 राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में मल्लेश्वरी ने जीते थे तीन गोल्ड मेडल

    मल्लेश्वरी ने कहा, "1991 राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में मैंने तीन गोल्ड मेडल जीते। यह चैंपियनशिप उदयपुर में हुई थी। इसके बाद मैंने जूनियर खेलना छोड़ दिया।"

    उन्होंने आगे कहा, "इसके बाद 1991 में ही दिसंबर में हम विश्व चैंपियनशिप के लिए जर्मनी गए। यहां मेरा 5वां स्थान आया। इसके बाद 1992 में हम विश्व चैंपियनशिप के लिए बल्गेरिया गए और यहां मेरा चौथा स्थान आया। 1992 में बैंकॉक में हुई एशियन चैंपियनशिप में मैंने तीन सिल्वर मेडल जीते।"

    वर्ल्ड चैंपियनशिप

    विश्व चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं मल्लेश्वरी

    मल्लेश्वरी ने हमसे खास बातचीत में कहा, "सभी को लगता है कि मैं सिर्फ ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं विश्व चैंपियनशिप में भी मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हूं।"

    उन्होंने आगे कहा, "1994 में मैंने तुर्की में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद 1995 में मैंने अपनी कैटगरी में गोल्ड मेडल जीता और विश्व रिकॉर्ड बनाया।"

    मदद

    मैंने अपने पैसों से दूसरी लड़कियों की मदद की- मल्लेश्वरी

    मल्लेश्वरी ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में दूसरी लड़कियों की भी काफी मदद की है।

    उन्होंने कहा, "जब मैं 1995 में गोल्ड मेडल जीत कर आई, तो मैंने देखा उस वक्त गांव में दूसरी लड़कियों ने भी वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी, लेकिन उनके पास पोशाक और दूसरी जरूरी चीजें नहीं थीं। इसलिए मैंने अपने पैसों, जो मुझे इनाम के रूप में मिले थे, से दूसरी लड़कियों की मदद की।"

    कोचिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर

    हिंदुस्तान में अच्छी कोचिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है- मल्लेश्वरी

    वेटलिफ्टिंग आखिर क्यों लोकप्रिय नहीं है, इस सवाल का जवाब देते हुए मल्लेश्वरी ने कहा, "हिंदुस्तान में अच्छी कोचिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। जहां अच्छे खिलाड़ी हैं, वहां अच्छे कोच नहीं हैं और जहां अच्छे कोच हैं, वहां अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं। पूरे हिंदुस्तान में वेटलिफ्टिंग के सिर्फ चार ही केंद्र हैं।"

    उन्होंने आगे कहा, "मैं इसमें अपनी कमी भी मानती हूं कि मैंने भी इसके लिए अकादमी बनाने के बारे में ज्यादा नहीं सोचा।"

    सपोर्ट

    मेरी मां ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया- मल्लेश्वरी

    मल्लेश्वरी ने कहा, "मुझे मेरी मां ने हमेशा बहुत सपोर्ट किया। जब शुरुआत में सब कहते थे कि यह क्या कर रही है, यह तो लड़कियों का खेल भी नहीं है, इसकी शादी भी नहीं होगी। तब मेरी माता सभी से कहती थीं, देखो यह लड़की अगर कुछ करना चाहती है, तो मैं इसे करने दूंगी।"

    मल्लेश्वरी ने आगे बताया कि इसके बाद उनके पिता भी उन्हें सपोर्ट करने लगे और शादी के बाद पति ने भी उन्हें सपोर्ट किया।

    ट्रेनिंग

    आज दूसरे बच्चों को ट्रेनिंग दे रही हैं मल्लेश्वरी

    मल्लेश्वरी ने 20 साल पहले वेटलिफ्टिंग में काफी बड़ा मुकाम हासिल किया था। वे राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री के अवार्ड से भी सम्मानित होे चुकी हैं।

    ऐसे में हमारे यह पूछने पर कि आपने खुद एक अच्छा कोच बनने के बारे में क्यों नहीं सोचा, उन्होंने जबाव दिया, "2017 से मैं अपनी अकादमी चला रही हूं। इसमें केंद्र सरकार ने भी मेरी मदद की। आज मेरी अकादमी में 55 लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं।"

    वेटलिफ्टिंग और पैरा पावर लिफ्टिंग

    वेटलिफ्टिंग और पैरा पावर लिफ्टिंग की सबसे बड़ी अकादमी बना रही हैं मल्लेश्वरी

    भविष्य के बारे में बात करते हुए मल्लेश्वरी ने कहा, "मैं वेटलिफ्टिंग और पैरा पावर लिफ्टिंग के लिए देश की सबसे बड़ी अकादमी बना रही हूं। इसी साल अगस्त में मेरी यह अकादमी तैयार हो जाएगी। इसमें खेल मंत्रालय ने मेरी काफी मदद की। मुझे सरकार से पांच करोड़ रुपये की मदद भी मिली।"

    उन्होंने आगे कहा, "मैं चाहती हूं कि आगे भविष्य में हजारों मल्लेश्वरी तैयार हों और देश का नाम रोशन करें।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    एथलेटिक्स
    #NewsBytesExclusive
    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

    ताज़ा खबरें

    रोस्टन चेज बने वेस्टइंडीज के नए टेस्ट कप्तान, क्रेग ब्रैथवेट की लेंगे जगह क्रिकेट वेस्टइंडीज
    'सितारे जमीन पर' को लेकर उठी बायकॉट की मांग तो आमिर खान ने उठाया ये कदम  आमिर खान
    रूस और यूक्रेन में युद्धविराम को लेकर पहली बार हुई सीधी बातचीत, क्या बन पाई सहमति? रूस समाचार
    पलक तिवारी बोलीं- सलमान खान को देख सीटी मारती थीं मेरी मां, बड़ी भाग्यवान हूं मैं  पलक तिवारी

    एथलेटिक्स

    #SportsHeroesOfIndia: जानिए उस इकलौते भारतीय धावक की कहानी, जिसने मिल्खा सिंह को हराया मिल्खा सिंह
    #SportsHeroesOfIndia: पान सिंह तोमर को खोजने वाले, एशियन गेम्स स्वर्ण विजेता, जी रहे हैं गुमनाम जिंदगी एशियाई खेल
    बोल्ट ने छोड़ा फुटबॉलर बनने का सपना, कहा- यह जब तक चला काफी मजेदार रहा फुटबॉल समाचार
    पिता और कोच की मौत भी गोमती को गोल्ड मेडल हासिल करने से नहीं रोक सकी खेलकूद

    #NewsBytesExclusive

    #NewsBytesExclusive: गौसेवा है समाज में बढ़ती खाई को खत्म करने का माध्यम- पद्मश्री मुन्ना मास्टर जयपुर
    #TokyoDreams: ओलंपिक जा रहे नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो कैसे शुरू किया? नीरज चोपड़ा
    #TokyoDreams: पेंटिंग का शौक रखने वाली राइफल शूटिंग स्टार अंजुम मोदगिल से खास बातचीत ओलंपिक
    #NewsBytesExclusive: इस कारण प्रज्ञान ओझा ने लिया संन्यास, रोहित को बताया बेहतर कप्तान क्रिकेट समाचार

    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

    केरल: महिला दिवस पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा से लेकर थानों की जिम्मेदारी संभालेंगी महिलाएं मध्य प्रदेश
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025