#NewsBytesExplainer: इस साल दुनिया की करीब आधी आबादी करेगी मतदान, किन-किन देशों में होंगे चुनाव?
क्या है खबर?
लोकतांत्रिक देशों के लिए साल 2024 काफी अहम साबित होने वाला है। इस साल दुनिया के कम से कम 55 देशों में चुनाव होना है। इनमें अमेरिका, भारत, रूस, पाकिस्तान, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं।
दुनिया की करीब आधी आबादी इन चुनावों में मतदान करेगी, जिनके परिणामों का असर न सिर्फ इन देशों बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी होगा।
आइए जानते हैं कि इस साल कहां-कहां चुनाव होना है।
चुनाव
सबसे पहले जानिए कहां चुनाव हो चुके हैं?
इस साल की शुरुआत बांग्लादेश में आम चुनावों के साथ हुई थी, जिसमें शेख हसीना ने जीत दर्ज कर 5वीं बार प्रधानमंत्री का पद संभाला है।
इसके बाद 9 जनवरी को भूटान में हुए चुनावों में शेरिंग टोबगे की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को जीत मिली।
13 जनवरी को ताइवान में हुए चुनावों पर दुनियाभर की नजर थी। यहां चीन के विरोधी माने जाने वाले और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के उम्मीदवार लाई चिंग-ते को जीत मिली।
पड़ोसी
भारत के किन पड़ोसी देशों में होंगे चुनाव?
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में चुनाव हो चुके हैं। अब पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव से पहले कई मामलों में सजा के बाद इमरान खान जेल में हैं और नवाज शरीफ मुल्क लौट चुके हैं। उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है।
सितंबर-अक्टूबर में श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। यहां मैत्रीपाला सिरिसेना और वर्तमान राष्ट्रपति राणिल विक्रमसिंघे के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
अमेरिका
अमेरिका में जा सकती है बाइडन की कुर्सी
दुनिया का सबसे समृद्ध लोकतंत्र माना जाने वाला अमेरिका भी साल के अंत में अपना 60वां राष्ट्रपति चुनेगा। यहां वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन लगातार दूसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कड़ी टक्कर मिल रही है।
बाइडन की लोकप्रियता दर सबसे निचले स्तर पर है, वहीं ट्रंप कई मुकदमों में उलझने के बावजूद लोकप्रिय बने हुए हैं। इस लिहाज से बाइडन के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं।
अमेरिका अहम
अमेरिकी चुनावों पर क्यों दुनियाभर की नजर?
बाइडन रोजगार, मुद्रास्फीति, इजरायल को लेकर अमेरिकी नीतियों और कई आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि पिछले साल अमेरिका के दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा था, जिसके बाद सरकार ने ऋण सीमा बढ़ाई थी।
अगर अमेरिका में सरकार बदलती है तो इसका असर यूक्रेन युद्ध, चीन-रूस के साथ संबंध से लेकर मध्य-पूर्व के कई देशों तक पड़ेगा। इस लिहाज से अमेरिका का चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है।
रूस
ब्रिटेन और रूस में भी होंगे चुनाव
साल के अंत में ब्रिटेन में भी चुनाव होने हैं। यहां भारतवंशी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के सामने चुनौतियां कम नहीं है। लगातार विवादों के बीच कई मंत्रियों ने सुनक का साथ छोड़ दिया है।
दूसरी ओर, 15 से 17 मार्च के बीच रूस में भी चुनाव होने हैं। यहां व्लादिमीर पुतिन की जीत पक्की है, क्योंकि उनके सामने विपक्ष न के बराबर है। विपक्षी नेता या ता मारे जा चुके हैं या जेल में हैं।
भारत
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में भी होंगे चुनाव
भारत में इस साल अप्रैल या मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। लगातार दूसरी बार सत्ता में आ चुकी भाजपा हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रही है तो विपक्ष बिखरा नजर आ रहा है।
भाजपा ने पिछली 303 के मुकाबले इस बार 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। विपक्ष संयुक्त गठबंधन INDIA के तले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जिसकी सबसे पहली चुनौती बिना विवाद के सीटों का बंटवारा करना है।
भारत चुनाव
क्यों अहम हैं भारतीय चुनाव?
भारत में अगर सत्तारूढ़ भाजपा को जीत मिलती है तो वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे लंबे समय इस पद पर रहने वाले शख्स में से एक बन सकते हैं।
जानकारों का मानना है कि दोबारा सरकार बनने से आर्थिक विकास, विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय पहचान मजबूत हो सकती है।
दूसरी ओर, आलोचकों को अंदेशा है कि अगर सरकार की वापसी हुई तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया पर बंदिशें और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बढ़ सकता है।
देश
और किन-किन देशों में होना है चुनाव?
इस साल इंडोनेशिया, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, अल्जीरिया, सीरिया, कंबोडिया, बेल्जियम, जॉर्डन, पुर्तगाल, बेलारूस, फिनलैंड, पनामा, जॉर्जिया और मॉरिशस समेत 55 से ज्यादा देशों में चुनाव होना है।
इसके अलावा यूरोपीय संघ (EU) के 27 देशों में भी 6 से 9 जून के बीच मतदान होगा।
ये दुनियाभर में दक्षिणपंथ के उभार, लोकतंत्र की चुनौतियों, वैश्विक व्यापार और आतंकवाद जैसे कई मुद्दों को संबोधित करेंगे। कुल मिलाकर 2024 वैश्विक नीतियों के लिए काफी अहम साल रहेगा।