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    #NewsBytesExplainer: जस्टिन ट्रूडो पर बढ़ता जा रहा इस्तीफे का दबाव, आगे क्या-क्या हैं विकल्प? 
    जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है

    #NewsBytesExplainer: जस्टिन ट्रूडो पर बढ़ता जा रहा इस्तीफे का दबाव, आगे क्या-क्या हैं विकल्प? 

    लेखन आबिद खान
    Dec 19, 2024
    03:16 pm

    क्या है खबर?

    कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के साथ ही उन्हें अपनी ही पार्टी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

    हाल ही में वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर कनाडा की प्रतिक्रिया पर मतभेदों का हवाला देते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।

    आइए जानते हैं ट्रू़डो के सामने क्या-क्या विकल्प हैं।

    सरकार

    अल्पमत की सरकार चला रहे हैं ट्रूडो

    ट्रूडो पहले से ही कनाडा में अल्पमत की सरकार चला रहे हैं। उनकी पार्टी के 153 सांसदों में से लगभग 60 ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है।

    लिबरल पार्टी के एक-तिहाई सांसदों ने ट्रूडो की देश को आर्थिक संकट और कूटनीतिक विवादों से बाहर निकालने की क्षमता पर सवाल उठाए हैं।

    अब न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के जगमीत सिंह ने भी ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की है। सरकार के लिए NDP का साथ बहुत जरूरी है।

    इस्तीफा

    क्या इस्तीफा देंगे ट्रूडो?

    ट्रूडो के सामने पद से इस्तीफा देने का विकल्प है। इसके बाद पार्टी उनकी जगह अंतरिम नेता का चुनाव करेगी, जब तक के लिए पार्टी नया नेता चुनने के लिए विशेष सम्मेलन न करे।

    हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ट्रूडो के इस्तीफा देने के बाद अंतरिम नेता कौन होगा।

    एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए इतिहासकार रॉबर्ट बोथवेल ने कहा कि अगर 1-2 और लिबरल मंत्री पद छोड़ने का ऐलान करते हैं तो ट्रूडो को इस्तीफा देना होगा।

    पार्टी

    अपनी ही पार्टी से निकाले जा सकते हैं ट्रूडो?

    ऐसा नहीं हो सकता। भारत में जहां सदन का नेता सांसद मिलकर चुनते हैं, वहीं लिबरल पार्टी के नेता का चयन सदस्यों के एक विशेष सम्मेलन द्वारा किया जाता है।

    इसलिए अगर ट्रूडो पार्टी में रहना चाहते हैं तो उन्हें जबरन निकाला नहीं जा सकता। अगर पार्टी और मंत्रिमंडल के सदस्य उन पर पद छोड़ने का दबाव बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में ट्रूडो को इस्तीफा देना होगा।

    हालांकि, पार्टी के कई सांसद अभी भी ट्रूडो के समर्थन में हैं।

    विपक्ष

    विपक्षी सांसद ट्रूडो को हटा सकते हैं?

    ट्रूडो अल्पमत की सरकार चला रहे हैं। ऐसे में अगर विपक्षी सांसद उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो संभावना है कि ट्रूडो की सरकार गिर जाएगी।

    संख्या बल के लिहाज से ऐसा तभी हो सकता है, जब सभी पार्टियां ट्रूडो के खिलाफ मतदान करे। अगर कोई विपक्षी पार्टी अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बना लेती है तो ट्रूडो की सरकार बच जाएगी।

    27 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के अगले सत्र में ही ऐसा कुछ हो पाएगा।

    प्रधानमंत्री

    ट्रूडो को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए क्या करना होगा?

    ट्रूडो को सरकार में बने रहने के लिए अपने गठबंधन को मजबूत करना होगा। इसके लिए मंत्रिमंडल में बदलाव कर असंतुष्ट सांसदों को मंत्री पद की पेशकश करनी होगी।

    ट्रूडो के पास संसद को भंग किए बिना सत्र खत्म करने का भी विकल्प है। ऐसा कर वे अविश्वास प्रस्ताव से बच सकते हैं।

    ट्रूडो इस्तीफा दिए बिना संसद भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं। इसके बाद 37 से 51 दिनों के बीच नए चुनाव होंगे।

    जनता

    क्या चाहती है कनाडा की जनता?

    नवंबर में किए गए एक सर्वे में 42 प्रतिशत कनाडाई लोगों ने कहा कि वे अगले चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को वोट देने की योजना बना रहे हैं, जबकि केवल 26 प्रतिशत ने लिबरल पार्टी को समर्थन करने की बात कही।

    इसी सर्वे में 10 में से 7 कनाडाई लोगों ने कहा कि वे ट्रूडो सरकार से असंतुष्ट हैं।

    45 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लिबरल की बजाय कंजर्वेटिव पार्टी अमेरिका से ज्यादा बेहतर तालमेल कर सकती है।

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