#NewsBytesExplainer: डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को क्यों दी चेतावनी और भारत पर क्या होगा असर?
डोनाल्ड ट्रंप ने अब BRICS समूह को नई चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर BRICS देश कोई दूसरी मुद्रा लाते हैं या अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा का समर्थन करते हैं तो वे इन देशों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगा देंगे। BRICS समूह में भारत भी शामिल है। ऐसे में भारत की चिंता बढ़ना भी तय है। आइए जानते हैं कि अगर चेतावनी पर अमल किया गया तो भारत पर क्या असर हो सकता है।
सबसे पहले जानिए ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'हमें BRICS देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर के स्थान पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत आयात शुल्क का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने व्यापार को अलविदा कहना पड़ेगा।' उन्होंने लिखा, 'जो भी देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।'
ट्रंप ने क्यों किया ये ऐलान?
दरअसल, अक्टूबर में रूस के कजान में BRICS शिखर सम्मेलन हुआ था। इसमें व्यापार के लिए डॉलर की वैकल्पिक मुद्रा पर चर्चा हुई थी और एक प्रतीकात्मक BRICS बैंकनोट का अनावरण भी किया गया था। देशों के बीच सीमा पार भुगतान के लिए एक नया तंत्र बनाए जाने की भी बात हुई थी। इसे सीधे तौर पर अमेरिकी डॉलर को चुनौती की तरह माना जा रहा है, जिससे ट्रंप चिंतित हो गए हैं।
घोषणा के भारत के लिए क्या है मायने?
भारत के अमेरिका के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का था। भारत अमेरिका को कपड़ा, दवा, इंजीनियरिंग सामान और IT सेवाओं समेत कई चीजें निर्यात करता है। अगर भारतीय सामानों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगा तो भारतीय निर्यातकों की लागत बढ़ सकती है, जिससे उनके उत्पाद अमेरिकी बाजार में कम प्रतिस्पर्धी हो सकते हैं।
मामले पर भारत का क्या रुख है?
भारत ने भी अन्य BRICS देशों की तरह अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने में रुचि दिखाई है। हालांकि, भारत इस मामले में सतर्क भी रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, "समय-समय पर लोग मांग करते हैं कि BRICS मुद्रा होनी चाहिए, लेकिन याद रखें कि साझा मुद्रा के लिए आपको राजकोषीय नीतियों, मौद्रिक नीतियों, आर्थिक नीतियों के मूल सिद्धांतों में व्यापक समन्वय की आवश्यकता होती है। राजनीतिक नीतियों पर भी नियंत्रण रखना पड़ता है।"
कितना ताकतवर है डॉलर?
दुनियाभर में होने वाला व्यापारिक लेनदेन, अंतरराष्ट्रीय भुगतान और आयात-निर्यात अमेरिकी डॉलर में होता है। वॉशिंगटन स्थित थिंकटैंक ब्रुकिंग्स के मुताबिक, वैश्विक मुद्रा भंडार के रूप में डॉलर का हिस्सा 59 प्रतिशत है। दुनिया के कुल कर्ज में 64 प्रतिशत का लेनदेन डॉलर में होता है। कुल विदेशी भुगतानों में डॉलर की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत है। हालांकि, साल 2000 में वैश्विक रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी 71 प्रतिशत थी, जो 2024 में 59 प्रतिशत हो गई है।
क्या है BRICS समूह?
BRICS दुनिया की 5 तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इन देशों के नाम के पहले अक्षर से समूह का नाम रखा गया है। ये देश हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। इसका उद्देश्य अलग-अलग क्षेत्रों में सदस्य राष्ट्रों के बीच पारस्परिक सहयोग को आगे बढ़ाना है ताकि इनके विकास को गति मिल सके। BRICS देशों में कुल आबादी की करीब 41.5 प्रतिशत आबादी रहती है और देशों का वैश्विक अर्थ्व्यवस्था में 28 प्रतिशत योगदान है।