
भाजपा से ही होगा अगला उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के विदेश से लौटने के बाद होगा फैसला- रिपोर्ट
क्या है खबर?
जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद अगले उपराष्ट्रपति के चयन का काम शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में तैयारी कर ली है और केंद्र सरकार भी संभावित उम्मीदवारों को लेकर विचार-विमर्श कर रही है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति भाजपा से ही होगा और पार्टी की मूल विचारधारा से 'गहराई' से जुड़ा होगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शीर्ष सूत्रों ने ये दावा किया है।
रिपोर्ट
संसदीय अनुभव वाले व्यक्ति को दी जा रही प्राथमिकता- रिपोर्ट
न्यूज18 ने शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगला उपराष्ट्रपति भाजपा से होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन व्यक्तियों पर विचार किया जा रहा है, वे भाजपा के साथ मजबूत वैचारिक जुड़ाव वाले होंगे और उन्हें संसदीय प्रक्रिया का भी व्यापक अनुभव होगा। इससे उन अटकलों पर विराम लग गया है, जिनमें कहा जा रहा था कि भाजपा NDA में शामिल गठबंधन सहयोगियों में से किसी को ये पद दे सकती है।
पहलू
JD(U) या NDA नेता रेस में नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए उपराष्ट्रपति के लिए कई पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। पार्टी ऐसे व्यक्ति की तलाश में है, जो पद की गरिमा को बनाए रखते हुए राज्यसभा में सरकार के विधायी एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ा सके। न्यूज18 से एक सूत्र ने कहा, "JD(U) या NDA के किसी अन्य नेता के उपराष्ट्रपति पद के लिए विचार किए जाने की अटकलें निराधार हैं। सभी गठबंधन सहयोगी इससे पूरी तरह सहमत हैं।"
विदेश
प्रधानमंत्री के विदेश से लौटने के बाद तय हो सकता है नाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा पर हैं। वे 27 जुलाई को देश लौट सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी के बाद उपराष्ट्रपति के नाम पर मंथन होगा। उनके विदेश से लौटने के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भी चर्चा होगी। विपक्ष इस दौरान प्रधानमंत्री की संसद में मौजूदगी की मांग कर रहा है। माना जा रहा है कि वे संसद में भी उपस्थित रहेंगे।
वजह
धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा?
धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने की पीछे कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े विपक्ष के नोटिस को स्वीकार करना इसकी तात्कालिक वजह है। इसके अलावा कथित तौर पर उनके सरकार से कई मुद्दों पर मतभेद थे। कथित तौर पर वे अपने काफिले के लिए नई मर्सिडीज कारों की मांग कर रहे थे और मंत्रियों से कार्यालयों में खुद की तस्वीर लगाने को कह रहे थे।