उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कोचिंग सेंटर को बताया कारोबार का अड्डा, दोनों दलों की बैठक बुलाई
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत का मुद्दा सोमवार को संसद में भी उठा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शून्यकाल पर चर्चा के बाद छोटे समय के लिए इस मुद्दे को उठाया और कोचिंग सेंटर को काराबोर का अड्डा बताया। उन्होंने कहा कि आजकल अखबार के 2 पन्ने कोचिंग सेंटर के विज्ञापन से भरे रहते हैं। उन्होंने मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।
छात्रों की मौत की जवाबदेही तय हो- कांग्रेस
लोकसभा में सत्ता पक्ष की भाजपा के अलावा विपक्ष की कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (SP) ने भी कोचिंग सेंटर हादसे का मुद्दा उठाया। कांग्रेस सांसद डॉ अमर सिंह ने 27 जुलाई को ही हादसे पर लोकसभा में स्थगन का प्रस्ताव रखा था और छात्रों की मौत की जवाबदेही तय करने की मांग की थी। कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने भी घटना के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की। शशि थरूर ने दिल्ली में मूलभूत सुविधाएं न होने पर चिंता जताई।
क्या है कोचिंग सेंटर हादसा?
27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउ कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में भारी बारिश के बाद पानी घर गया था। इस दौरान फंसे 35 छात्रों में 3 की डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान नेविन डाल्विन, तान्या सोनी और श्रेया यादव के तौर पर हुई है। नेविन केरल, श्रेया उत्तर प्रदेश और तान्या तेलंगाना की रहने वाली थीं। मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक और संयोजक समेत 7 गिरफ्तार हुए हैं।