
जेडी वेंस संग बैठक, मंत्रियों का अपमान; जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की कथित वजहें आई सामने
क्या है खबर?
निर्वतमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से इस्तीफा दिए 2 दिन हो चुके हैं, लेकिन उनके अचानक पद छोड़ने की वजह अभी भी सामने नहीं आई है। इस बीच धनखड़ ने उपराष्ट्रपति भवन खाली करने की तैयारी कर ली है और सामान की पैकिंग शुरू कर दी है। पद छोड़ने की संभावित अटकलों के बीच दावा किया जा रहा है कि धनखड़ के इस्तीफे की तैयारी 8 हफ्ते पहले ही शुरू हो गई थी। आइए सारी वजहें जानते हैं।
जेडी वेंस
जेडी वेंस के साथ बैठक करना चाहते थे धनखड़- रिपोर्ट
अप्रैल में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस परिवार के साथ भारत यात्रा पर थे। रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ ने सरकार से उनके साथ बैठक करने की मांग रखी थी। धनखड़ का कहना था कि वे वेंस के समकक्ष हैं, इसलिए अहम बैठक की अगुवाई वे करेंगे। इसके बाद एक बड़े कैबिनेट मंत्री ने धनखड़ को फोन कर कहा था कि भले वेंस अमेरिका के उपराष्ट्रपति हैं, लेकिन वो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मैसेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ला रहे हैं।
मंत्री
कथित तौर पर शिवराज सिंह चौहान का किया था अपमान
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि धनखड़ वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ अभद्र व्यवहार करते थे और अक्सर आधिकारिक बातचीत के दौरान उन्हें अपमानित करते थे। ऐसी ही एक घटना दिसंबर में हुई थी, जब उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित एक समारोह में कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से उनका अपमान किया था। हालांकि, अगले ही दिन उन्होंने संसद में चौहान को किसानों का सबसे बड़ा शुभचिंतक बताया।
वाहन
काफिले की गाड़ियों को बदलने का दबाव बना रहे थे धनखड़
रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि धनखड़ अपनी सरकारी काफिले की सभी गाड़ियों को मर्सिडिज गाड़ियों से बदलने का दबाव बना रहे थे। सरकार इसे फिजुलखर्ची और गैर-जरूरी कदम मान रही थी। इसके अलावा कथित तौर पर धनखड़ ने मंत्रियों से कहा था कि वे अपने आधिकारिक कार्यालयों में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरों के साथ उनकी तस्वीर भी लगाएं। इससे सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया था।
विवाद
रिपोर्ट में दावा- सरकार ला सकती थी अविश्वास प्रस्ताव
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल के अंत तक उपराष्ट्रपति और सरकार में विवाद काफी बढ़ गया था। उनकी बढ़ती हुई मुखरता और कुछ 'एकतरफा निर्णयों' से चिंतित भाजपा ने विवाद सुलझाने के लिए कम से कम 3 वरिष्ठ नेताओं को काम पर लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सहमति नहीं बनने पर पार्टी धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी विचार कर रही थी। इस संभावना को देखते हुए धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया।
इंतजार
राष्ट्रपति ने कराया 25 मिनट इंतजार
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्तीफा देने के लिए धनखड़ 21 जुलाई को बिना किसी पूर्व सूचना के राष्ट्रपति भवन पहुंच गए, जिस पर भी विवाद हुआ। राष्ट्रपति कार्यालय के कर्मचारियों ने अचानक उन्हें धनखड़ के आने की सूचना दी। चूंकि, रात का समय था, इसलिए राष्ट्रपति को तैयार होने और बैठक के लिए आने में समय लगा। इस दौरान धनखड़ करीब 25 मिनट तक राष्ट्रपति का इंतजार करते रहे।