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सोनिया गांधी का दावा- 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून से वंचित, जल्द कराई जाए जनगणना
सोनिया गांधी ने जनगणना का मुद्दा उठाया

सोनिया गांधी का दावा- 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून से वंचित, जल्द कराई जाए जनगणना

लेखन गजेंद्र
Feb 10, 2025
02:54 pm

क्या है खबर?

कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने सोमवार को जनगणना का मुद्दा उठाते हुए, उसे जल्द से जल्द कराने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि इससे देश में 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ से वंचित हैं। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सोनिया ने अपने पहले भाषण में कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के अनुसार हो रही है, न कि नवीनतम जनसंख्या के आधार पर।

दावा

सोनिया ने NFSA की बताई खासियत

सदन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार द्वारा सितंबर 2013 में शुरू NFSA को एक ऐतिहासिक पहल बताया, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी को खाद्य और पोषण सुरक्षा देना है। उन्होंने कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासतौर से कोविड महामारी संकट के दौरान। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों का कोटा अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित है, जो पुरानी हो चुकी है।

बयान

आजाद भारत में पहली बार नहीं हुई जनगणना- सोनिया

श्रीमती गांधी ने कहा, "स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार है, जब दशकीय जनगणना में 4 साल से अधिक की देरी हुई है। इसे 2021 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं कि जनगणना कब कराई जाएगी।" उन्होंने दावा किया, "बजट के आवंटन से पता चलता है कि इस साल भी आगे की जनगणना कराए जाने की कोई संभावना नहीं है। इससे करीब 14 करोड़ भारतीय NFSA के लाभ से वंचित हो रहे हैं।"

बयान

खाद्य सुरक्षा विशेष नहीं मौलिक अधिकार- सोनिया

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने अंग्रेजी में दिए भाषण में कहा कि जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द जनगणना को प्राथमिकता दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी पात्र व्यक्तियों को NFSA के तहत गारंटीकृत लाभ मिले। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं है, यह एक मौलिक अधिकार है। बता दें, अभी केंद्र सरकार NFSA के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो मुफ्त अनाज उपलब्ध कराती है।